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पाटन विधानसभा। पाटन ब्लाक के ग्राम मर्रा मंडल एवं मालगुजारी गाँव के व्यवस्था, पशुओं के लिए चारागाह की व्यवस्था के लिये अपने लगानी कृषि भूमि सरकार 55 एकड़ भूमि दान में दिया था।यहां पर कृषि कॉलेज तो खुल गया।लेकिन अब किसानों को उनके खेत तक आने जाने हेतु रास्ता नही दिया जा रहा है।जिसको लेकर अनुविभागीय अधिकारी पाटन व तहसीलदार पाटन व ग्रामीणों के मध्य बातचीत भी हुई है। लेकिन उसके बाद भी समस्या का पूर्णत हल नही हुआ है।बताया जाता है कि गांव के किसान अनूप सिह, सुन्दर सिंह, पलटूराम वर्मा (ग्राम पटेल) पंचम वर्मा, बंशीलाल, ध्रुव सिंह केजूराम वर्मा, खेदू वर्मा, केजउ एवं सोनवाराम प्रमुख थे । सरकार ने उक्त दान की भूमि को शामिलात चारागाह के रूप में शासकीय अभिलेख में दर्ज किया गया।,जिसका उपयोग पशुओं के चारागाह के रूप में किया जाता रहा है। लेकिन कई साल से उक्त भूमि पर कुछ व्यक्तियो ने कब्जा कर लिया है। जिसके कारण पशुऔ के लिये चारागाह की समस्या उत्पन हो गई है। सन 2013 में दानदाता पंचम वर्मा के वारिस दीपा होरी वर्मा ग्राम मर्रा की सरपंच थी। जो ग्राम वासियों के सहयोग से उक्त सम्पूर्ण चारागाह की भूमि को अतिक्रमण से हटाया था। जिससे गाँव में चारागाह की समस्या समाप्त हो गई थी।सन 2018 मे पाटन विधानसभा चुनाव में भूपेश बसेल पुन: विधायक चुने गये और ग्राम मर्रा मे पहली बार जीत दर्ज की ।उन्होंने ग्रामीणों की माँग पर मर्रा में कृषि महाविद्यालय खोलने की बड़ी सौगात दी। कृषि महाविद्यालय के लिए तकरीबन 90 एकड़ जमीन की आवश्यकता थी ।जिसे मंडल एवं मालगुजारो के द्वारा दी गई । 55 एकड जमीन को कृषि महाविद्यालय को दिये जाने हेतु उनके वारिसो द्वारा सहमति दिया गया ।जिससे आज कृषि महाविद्यालय का सफल संचालन हो रहा है ।मर्रा में कृषि महाविद्यालय प्रारंभ करने पर गाँव के ग्रामीणों अंचल के व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यवक्त किया है।

भूमिदानदाता के परिवार को कृषि हेतु निस्तार की समस्या
मर्रा कृषि महाविद्यालय द्वारा दान की भूमि एवं शासकीय भूमि पर अधिग्रहण करने के बाद दान देने वाले मंडल मालगुजारो के परिवार के व्यक्तियों को अपने कृषि कार्य करने आने जाने मे दिक्क्क्त हो रही है। साथ ही उनके कृषि भूमि के पास बने सिचाई एवं निस्तारी जालाब से सिचाई सुविधा एवं मोहल्ले के व्यक्क्तिो को विस्तारी के लिए परेशानी सामना पड़ रहा है। जिसकी सुविधा हेतु किसान एवं ग्रामवासियो ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है।
वर्सन
किसानों के उनके खेत आने जाने के लिये जमीन दे गई है।साथ ही उनके खेती की सिंचाई हेतु सहमति बन गई है।लेमिन गल्स हॉस्टल के बीच से रास्ता चाह रहे है।जो दिया जाना सम्भव नही है।
विजय सोनी
डीन,कृषि महाविद्यालय मर्रा

वर्सन
कृषि महाविद्यालय मर्रा को दानदाताओं के द्वारा जमीन दी गई है।लेकिन अब उन्हें निस्तारी कृषि कार्य मे काफी दिक्क्क्त हो रही है।यह सुविधा दी जानी चाहिए।साथ ही महाविद्यालय सञ्चालन समिति मे दानदाताओ की भागीदारी सुनिश्चित किया जाना चाहीए।
शेखर वर्मा
वकील व ग्रामीण मर्रा

वर्सन
यहां पर किसी भी किसान के खेत आने जाने का रास्ता नही रोका गया है।बल्कि अबैध कब्जाधारी जगह माँग रहे है।
नरेंद्र ध्रुव,पटवारी
मर्रा,

Umesh Solanki

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