मदर्स डे 2023 गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स जानिए लक्षण और बचाव
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मदर्स डे 2023 : प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग (गर्भावस्था में मूड स्विंग) होना आम है। बार-बार मूड बदलने से महिलाएं परेशान हो जाती हैं। चूंकि यह उनके लिए काफी समय होता है। इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के सजातीय बदलाव होते रहते हैं। इस दौरान बहुत अधिक शारीरिक समस्‍याएं होती हैं, उनमें अधिक महिलाएं मानसिक रूप से भिन्‍न होती हैं। ऐसी ही एक समस्या मूड स्विंग भी है। यह एक ऐसी समस्या होती है, जो गर्भावस्था के दौरान और बाद में भी हो सकती है। जिसे पोस्टपार्टम मूड स्विंग्स नाम से जानते हैं। यहां जानें मूड स्विंग्स की समस्या के लक्षण और इससे बचाव पाने के 5 उपाय..

मूड स्विंग्स के क्या-क्या लक्षण हैं

1. मूड स्विंग्स के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ फीलिंग्स ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में पाई जाती हैं।

2. इस दौरान बिना किसी बात के मन उदास रहता है या व्यवहार ही खुश हो जाता है।

3. कई बार प्रेग्नेंसी ब्रेन की समस्या भी देखने को मिलती है, जिसमें चीजें भूल जाना आम होता है मतलब उनकी याद्दाश्‍त कमजोर हो जाती है।

4. मूड स्विंग होने के दौरान घबराहट और गुस्‍सा आना भी लाजिमी है।

5. गर्भवती महिलाएं बच्चों की निगरानी के लिए क्लीयर-सफाई पर ज्यादा ध्यान देती हैं। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण उन्हें अच्छी तरह से सफाई करने की कोशिश करनी चाहिए।

मूड स्विंग्स से छुटकारा पाने के उपाय

डीप ब्रीडिंग एक्‍सरसाइज

डीप ब्रीडिंग एकसाइज मूड स्विंग की समस्या से शुरुआत में काफी हेल्प कर सकता है। किसी भी जगह गहरी सांस लें, 5 लोगों के लिए रुकें और फिर उसे धीरे-धीरे छोड़ें। 10 से 15 बार इसी तरह करें। डॉक्‍टर भी इसकी सलाह देते हैं। डेलीवरी के बाद मूड स्विंग्स की समस्या होती है तो 10-15 मिनट चलने से फायदा हो सकता है।

बेहतर युक्त चीजें बनाना

प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग न हो, इसके लिए डाइट में फाइबर युक्त चीजों को शामील करें। अजनबी फल और सब्ज़ियों का सम्मोहक सेवन करें। फाइबर तनाव को कम करता है और शरीर को ऊर्जा भी देता है। डेलीवरी के बाद मूड स्विंग्स से बचने के लिए डाइट में आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स और मिनरल्स लें।

पर्याप्त नींद लें

गर्भावस्था के दौरान अगर आप 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेते हैं तो मूड स्विंग की समस्या से परेशान नहीं होना चाहिए। नींद आने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और सोच सकारात्मक रहती है। इससे तनाव भी दूर रहता है।

खूब पानी पिएं

बार-बार मूड बदलने की एक वजह डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी दूर करने के लिए दिनभर कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी, फलों का जूस, वेजिटेबल जूस का सेवन भी करें।

हरियाली में रहें

प्रेग्नेंसी में शाम के वक्त घास में नंगे पैर तलने की कोशिश करें। हेरिटेज स्थान। इससे मूड स्विंग से बचा जा सकता है। आस-पास का माहौल देखते रहें और नकारात्मक चीजों से दूरी बनाएं।

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Umesh Solanki

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