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मदर्स डे 2023: मदर्स डे एक ऐसा दिन जिस दिन बच्चे अपनी मां के सम्मान के लिए उन्हें स्पेशल फील दबंग हैं। मां का कर्ज कोई भी कभी नहीं छोड़ सकता है, क्यों मां शब्द ही ऐसा है जिसमें बच्चे का पूरा संसार बसता है।
मां और बच्चों का ये दिन पूरी दुनिया में मई के दूसरे रविवार को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास।
कैसे हुआ मदर्स डे की शुरुआत (मदर्स डे का इतिहास)
मदर्स डे की शुरुआत करने का श्रेय अमेरिका की ऐना एम जार्विस को, ऐना का जन्म अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया में हुआ, ऐना की मां अन्ना एक स्कूल टीचर थीं। एक दिन स्कूल में बच्चों को पढ़ाते वक्त उन्होंने बताया कि एक दिन ऐसा आएगा जब मां के लिए एक दिन समर्पित किया जाएगा। ऐना की मां के निधन के बाद ऐना और उनके दोस्तों ने एक अभियान शुरू किया, जिसमें मदर्स डे के दिन राष्ट्रीय छुट्टी हो सकती है ऐसा कहा गया। ऐना इसलिए ऐसा करना चाहती थी ताकि बच्चा जब तक उनकी मां जिंदा रहे तब तक उनका सम्मान करें और उनके योगदान की अर्जी दें। पहला मदर्स-डे 8 मई 1914 को अमेरिका में मनाया गया, तबसे आज तक मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
कब है मदर्स-डे (2023 में मदर्स डे कब है)
इस साल मदर्स-डे 14 मई 2023, रविवार के दिन मनाया जाएगा। अमेरिका, भारत, न्यूजीलैं, कनाडा और कई देशों में इस पर्व को मई के दूसरे रविवार के दिन मनाया जाता है। वहीं कुछ देशों में मदर्स-डे मार्च के महीने में मनाया जाता है।
आज भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपनी मां के लिए अपनी मां के लिए कई बार जग नहीं पाते हैं और ना ही वे मिल पाते हैं, तो मदर्स डे के दिन सभी बच्चे अपनी मां को स्पेशल फील देने के लिए अलग-अलग गिफ्ट देते हैं और फूल और अन्य सामान मां को स्पेशल फाइल हैं।
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