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आज के समय में चिकित्सा विज्ञान उन्नत हो गया है कि रक्तदान और संगठन दान के माध्यम से लोगों को जीवन वरदान में मिला है। किडनी, अंगूठा, आंख और दिल डोनेट करने के अलावा आजकल स्किन डोनेशन भी किया जा सकता है। आमतौर पर ज्यादातर स्किन डोनेशन के बारे में नहीं जानते हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई सारे लोग जो संगठन डोनेट करते हैं वह अपनी स्किन भी डोनेट करते हैं।
स्किन फाइन से गंभीर बीमारी हो सकती है
किसी दुर्घटना में जल जाने या एसिड हमले की वजह से हर साल कई लोगों की त्वचा जल जाती है। ऐसे में स्किन डोनेशन की मदद से लोगों की मदद की जाती है।आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 80 लाख से भी ज्यादा लोग जल जाते हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। वहीं दूसरी झलक से 10-15 साल के लोगों की त्वचा से जुड़ी गंभीर बीमारी हो जाती है। यह सच भी साबित हो सकता है।
स्किन डोनेशन के लिए क्यों जरूरी है जरूरी?
त्वचा किसी भी व्यक्ति के शरीर का प्राकृतिक आवरण है। जो बॉडी के सेफ गार्ड की तरह काम करता है। इतना ही नहीं यह सूरज, प्रदूषण, रसायन और बैकटिरिया से शरीर को बचाती है। उसी के साथ यह शरीर को सुरक्षित रखता है। नैचुरली, रौशनी की चोट या खरोंच आदि के लगने पर त्वचा खुद ब खुद रिकवर हो जाती है। इसके साथ ही निशान और धब्बे धीरे-धीरे हल्के होने लगते हैं।
स्किन डोनेशन कैसे किया जा सकता है?
स्किन डोनेशन के लिए सबसे पहला ब्लड टेस्ट और स्किन का कलर टेस्ट किया गया। स्किन डोनेशन के लिए स्किन डोनेशन बैंक से भी मदद ली जा सकती है। आम तौर पर जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके 6 घंटे के अंदर की तस्वीरों को स्किन डोनेट किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्किन डोनेशन करने वाले किसी व्यक्ति की स्किन को 3-5 साल तक फ्रीजिंग फोटोशॉप के जरिए स्किन स्टोर किया जाता है।
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