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अरोमाथेरेपी : एक दिन की बिजी लाइफ के बीच बैलेंस बनाना काफी मुश्किल हो रहा है। व्यस्त मार्ग, काम का दबाव और कई अन्य कारणों से आज रात में नींद की बीमारी होने का अनुमान लग रहा है। कई लोग इस समस्या से परेशान हैं। अच्छी नींद के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। नींद की दृढ़ बनाने के तरीकों से अरोमाथेरेपी (Aromatherapy) को सबसे बेहतरीन माना जाता है। आइए जानते हैं क्या है और इसकी खूशबू से किस तरह का संबंध है…
सुगंध और हमारी नींद
पिछले दिनों की एक रिपोर्ट से पता चला है कि हमारा मूड, हमारी नींद पर, खुशबुओं का बहुत हद तक असर है। जैसे कि, दिल की गति या दिल की धड़कन से लेकर हाईपर टेंशन ज़ीन्स कि हाई बीपी में लैंवेंडर के खाद्य पदार्थ साबित होते हैं। लैवेंडर की सुगंध से हल्का मूड शांत हो जाता है और फिर लगता है कि नींद भी आती है। इसे मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) के दायरे से भी लाभ माना जाता है।
अलग-अलग गंध और उनका प्रभाव
अरोमाथेरेपी (Aromatherapy) में अलग-अलग तरह की खुशबुओं का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि, कन्वेंशन, लैवेंडर वजारह। नींद न आने की शिकायत करने वाले लोगों को अरोमाथेरेपी में लैवेंडर की महक की मदद से ही आराम मिलने की कोशिश की जाती है। कई रिसर्च की रिपोर्ट से पता चला है कि लैवेंडर की सुगंध से हाई ब्लड प्रेशर में भी राहत मिलती है। साथ ही नींद न आने की समस्या भी दूर हो जाती है।
प्रवेश की खुश्बू लम्बी नींद की पूरी
इसी तरह से, सतर्कता की सुगंध का उपयोग भी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के मकसद से किया जाता है। इसका उपयोग तनाव या चिंता की स्थिति में आराम पहुंचाने के लिए भी किया जाता है। अरोमाथेरेपी (अरोमाथेरेपी) में किसी रोगी को शांत करने के लिए किसी भी रोगी को परेशान करने के लिए अशोक की महक का उपयोग किया जाता है।
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