मासिक धर्म के तथ्य, नहीं मानते पीरियड्स से जुड़े ये 5 मिथक
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मासिक धर्म मिथक: महिलाओं की जिंदगी का एक अहम पहलू है, जिसका सामना हर महीने करना पड़ता है। वैसे तो यह एक राजनीतिक प्रक्रिया है, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में मासिक धर्म को वर्जनाओं से जोड़ा जाता है यानी इस दौरान महिलाओं को कई काम करने से मना किया जाता है जैसे- बाल दिखना, अभिचारी दिखना, मंदिरों में जाना, भगवान की अटकी के निकट जाना आदि. आपने भी कई बार अपने बड़े-बूढ़ों से यह बातें सुनी होंगी। सिर्फ यही नहीं, पीरियड्स से जुड़ी ऐसी कई चीजें हैं जिनके आधार पर आज भी महिलाओं के रहने का तिरस्कार किया जाता है। आइए जानते हैं पीरियड्स से जुड़ी कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिन्को लोग सच मानते हैं, लेकिन ये सिर्फ मिथ्स हैं।

1. मिथ: सीट्रस का ब्लड डिफिसिल होता है

तथ्य: आपने कई बार यह सुना होगा कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर से फटने वाला ब्लड निकलता है और गुस्सा आता है। निश्चित रूप से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि साइकिल महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में होने वाला एक जबरदस्त लॉक होता है, जो उन्हें प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करने का काम करता है।

2. मिथ: पीरियड मिस होने का मतलब प्रेग्नेंसी

तथ्य: जब भी महिलाओं के पीरियड मिस होते हैं तो ज्यादातर लोगों को लगता है कि वे गर्भवती हैं। जबकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ प्रेग्नेंसी की वजह से ही मिस हो सकता है। इसके कुछ और कारण हो सकते हैं जैसे- अधिक वजन, अनहेल्दी फूड खाना, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, कोई बीमारी या किसी बात का तनाव और कारण। इनकी वजह से भी आपके पीरियड्स मिस हो सकते हैं।

3. मिथ: सीक्ट्रस के दौरान एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए

तथ्य: कई लोग ऐसा मानते हैं कि महिलाओं को पीरियड के दौरान कोई भारी काम या एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। मगर हम आपको बताते हैं कि पीरियड्स में एक्सरसाइज करने से आपके लाभ साबित हो सकते हैं। इससे न सिर्फ आपको दर्द से राहत मिलेगी, बल्कि शरीर की ऐंठन भी दूर हो जाएगी।

4. मिथ: मासिक धर्म के दौरान प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती है

तथ्य: शीतकाल के दौरान भी महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। क्योंकि साइकिल का सीक 28-30 दिनों में रिपीट होता है। हालांकि अगर किसी महिला का चक्र साइकिल छोटा है तो वो 6 दिन के बाद सेक्सुअल एक्टिविटीज हो सकती हैं। इसके बाद अवलोकन प्रोटोकॉल हो सकता है। यही कारण है कि स्पर्म पीरियड्स के बाद भी गतिविधियां रह सकती हैं।

5. मिथ: पीरियड्स के दौरान बालों को नहीं धोना चाहिए

तथ्य: कोई भी अध्ययन ये दावा नहीं करता कि पीरियड्स के दौरान बालों को धोने से महिलाओं को परहेज करना चाहिए। हर तरह से हाइजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी होता है। यही कारण है कि बाल धोने की बात पर लोगों को यकीन करने से बचना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए नुस्खे, तरीके और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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Umesh Solanki

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