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हॉटियां शुरू होते ही सेंट और डियो वालों की बिक्री बढ़ जाती है। इसके पीछे है गर्मियों में लोगों के शरीर से आने वाली बदबू। इस दुनिया में करोड़ों लोग रहते हैं और हर एक इंसान के शरीर की गंध अलग होती है। किसी के शरीर का गंध कम होता है तो किसी की इतनी अधिक होती है कि गर्मी में उसके पास खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर शरीर से इस तरह का गंध क्यों आता है? क्या इस गंध के लिए सिर्फ जिम्मेदार है या इसके पीछे कोई औप कारण है? आज इस लेख में हम आपके इन सवालों के जवाब देंगे।
गर्मियों में शरीर से गंध क्यों आता है?
शरीर से गंध केवल गर्मियों में ही नहीं दिखाई देता बल्कि ठंड में भी शरीर से गंध आता है। बस ये होता है कि ठंड में ये गंध ज्यादा तेज नहीं होती और इंसानों द्वारा कई परत के कपड़े की वजह से पास में इंसान को यह महसूस नहीं होता। दरअसल, किसी भी इंसान के शरीर से गंध आने के पीछे कुछ खास प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। हर इंसान के शरीर पर अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया होते हैं और जब ये गर्मी इंसान के पसीने के साथ मिलते हैं तो उनकी गंध बहुत तेज हो जाती है और फिर ये आपके आस पास रुक लोगों को भी प्रभावित करने लगती है।
प्रत्येक शरीर का गंध अलग कैसे होता है?
इस धरती पर करोड़ों करोड़ों इंसानों के साथ करोड़ों बैक्टीरिया भी रहते हैं। यही अलग तरह के बैक्टीरिया शरीर से शुरू होने वाले अलग-अलग गंध के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर किसी के शरीर से बहुत ज्यादा बदबू आ रही है तो हो सकता है कि उसके लिए एफएमओ 3 जीन में गड़बड़ी जिम्मेदार हो। वहीं कुछ लोगों के शरीर से आने वाली बदबू के लिए फिश ओडोर सिंड्रोम जिम्मेदार होता है। इसे विज्ञान की भाषा में ट्राईमिथाइलअमिनुरिया (टाइमी) कहा जाता है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आपको किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि समय के साथ-साथ ये शरीर के लिए खतरनाक हो जाता है।
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