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श्री प्रेमानंद जी महाराज : श्री प्रेमानंद महाराज जी का नाम राधा रानी के परम भक्तों में से एक है। जो भक्त जिनके सत्संग को मन के समान हैं, वे अवश्य ही राधारानी के दर्शन हो जाते हैं। परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी का जन्म कृषक के एक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। महाराज जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। इनके पिता और दादा दोनों के सन्यासी थे। उनका मां धर्म परायण था। उनके माता-पिता साधु-संतों की सेवा करते थे और आदर सत्कार भी करते थे।
कुछ समय में ही महाराज ने हाफत्यम का रास्ता चुना और श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी का जप करना शुरू कर दिया। इसी के साथ उन्होंने अपना घर त्याग दिया। ऐसा माना जाता है कि भोलेनाथ ने स्वंय प्रेमानंद जी को दर्शन दिए और उनके बाद वो वृंदावन आए।
ऐसा माना जाता है कि प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन आने के बाद महाराज जी श्री चैतन्य महाप्रभु की लीलाएं देखते थे और रात को रासलीला देखते थे। इसके बाद उनके जीवन में परिवर्तन आया। उन्होंने सन्यास त्याग कर भक्ति के मार्ग को चुना।
ऐसा माना जाता है कि महाराज जी को राधा वल्लभ मंदिर में स्वयं राधा जी को ही निहारते रहते थे। महाराज जी राधा बल्लभ संप्रदाय में जाकर शरणागत मंत्र लिया। कुछ दिनों बाद महाराज जी अपने वर्तमान के सतगुरु जी को मिले। महाराज जी ने अपने गुरु की 10 साल तक सेवा की और बड़े से बड़े पापी को भी सत्य की राह पर चलने के लिए मजबूर कर दिया।
प्रेमानंद जी का जीवन परिचय |
बचपन का नाम | अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय |
जन्मस्थल | सरसो, नगर, उत्तरप्रदेश |
घर का त्याग | 13 साल की उम्र में |
महाराज की उम्र | लगभग 60 वर्ष |
महाराज के गुरु | श्री गौरंगी शरण जी महाराज |
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