Spread the love

मूलचेरा अंर्तगत चोट्टूगुंटा से कंचनपुर गांव के लिए यंत्रणा आदिवासी बहुल क्षेत्र के विकास के लिए शासन के द्वारा स्लैब ब्रिज और मुरूम रोड के तकरीबन 20 लाख का खर्च किया ।ठेकेदार के माध्यम से परंतु ना सड़क बनी ना स्लैब ब्रिज आखिर ठेकेदार ने सड़क का काम कहा की हैं।क्षेत्र के जनता जानना देखना चाहती हैं।आखिर चोट्टूगूंटा ते कंचनपुर की जानेवाली सड़क पिछले 50 साल से किसी ने देखा नही तो आखिर 2022 में अचानक 20 लाख रुपए इन दो गांव के लिए सड़क बनाने में खर्च कैसे हुई? शासन करोड़ो रुपए खर्च कर सड़क से लेकर गांव के विकाश में खर्च करती हैं।लेकिन जिले में यंत्रणा के काम के नाम पर शासन के साथ महाठगी करते दिखा जा सकता हैं। अभियंता से लेकर ठेकेदार मंत्रालय तक सेटिंग कर शासन के करोड़ो विकाश के नाम पर बोगस खर्च किया जा रहा हैं।और स्थानीय जांच अधिकारी अभियंता ठगी के भागीदार बनकर अपनी जेब भर रही हैं।जानकारी मिली हैं ,यंत्रणा के सीसी रोड के लिए ठेकेदार अधिकारी 42% तक पेटी कांटैक्ट टर से अपनी कमीसन ले।रहे हैं।जानकारी अनुसार 12 लाख के काम को 22 से 24 लगे मंत्रालय से मंजूर किया जाता हैं।जिसमे से 42 से 44% ठेकेदार और जिले के अभियंता अधिकारी कमीसन के तौर पर ले रहे हैं।बाकी बची रक्कम से पेटी कांटैक्ट टर सीसी रोड बना रहे हैं।अब आप समझ सकते हैं। सीसी रोड कैसे मजबूत दर्जे को बनेगी।और असल खर्च कितना आएगा।जबकि।अधिकारी और ठेकेदार की साठ गठ से खर्च के नाम पर शासन का दिशाभूल कर असल खर्च से दुगना खर्च पर काम मंजूर कर शासन के साथ ही ठगी की जबरही हैं।जिले में ज्यादातर सीसी रोड ग्राम पंचायत के सरपंच सदस्य के द्वारा ठेकेदार अधिकारी से साठ गांठ कर बनाई जा रही हैं। समझना मुश्किल नही काम मजबूत होगा या घटियां दर्ज का होगा।क्या अधिकारी अभियंता बनाई जा रही काम को एस्टीमेट के अनुसार बनैंजा रही इसकी जांच करते हैं। या कमीसन के चक्कर में सब कुछ कार्यालय में बैठ कर रजिस्टर भर दी जाती हैं? सवाल कई हैं लेकिन सच बोलने और पूछने पर अधिकारी ठेकेदार एक हो कर सवाल करने वाले।पर हो आरोप लगाने।देर नहीं लगाते।आखिर कब्ताक जिले के अधिकारी और ठेकेदार की घोटाला बदस्तूर जारी रहेगी? और शासन का नुकसान होती रहेगी?

गढ़चिरोली से ज्ञानेंद्र विश्वास

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *