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महाराष्ट्र राजनीति: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की आलोचना करने वाले पूर्व विधायक आशीष देशमुख को महंगा पड़ा है। उन्हें छह साल के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस अनुशासनात्मक समिति ने देशमुख को पार्टी विरोधी व्यवहार और सार्वजनिक अभिभाषणों के लिए छह साल की अवधि के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। एक तरफ उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है तो दूसरी तरफ वह बाजार समिति की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं।
प्रदेश में अंकल-भतीजे की राजनीति
प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर अंकल-भतीजे की राजनीति देखने को मिलेगी। नरखेड बाजार समिति में एनसीपी नेता अनिल देशमुख का दबदबा है। इसलिए आशीष देशमुख ने नरखेड बाजार समिति में एनसीपी अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव जिलाधिकारी को भेजा गया है। आशीष देशमुख ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस संबंध में कल मतदान होगा और एनसीपी अध्यक्ष नारकेड एपीएमसी से पास हो गए हैं।
क्या बोले आशीष देशमुख?
आशीष देशमुख ने कहा, “एनसीपी अध्यक्ष के खिलाफ निदेशक मंडल में बहुत दुखी था। अविश्वास प्रस्ताव आने में 18 में से 9 नंबर लेते हैं। इस अविश्ववास प्रस्ताव को पास करने के लिए 12 लोगों की आवश्यकता होती है। हमारे लोगों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है और जिला कलेक्टर के पास प्रस्ताव दायर किया है। फिर 12 लोग हमारे पास आ गए। अब मतदान कल 26 मई को होगा और एनसीपी अध्यक्ष एएमएमसी से हट जाएंगे।
आशीष देशमुख बीजेपी के संपर्क में?
आशीष देशमुख 2014 में काटोल से बीजेपी से चुने गए थे। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी के अनिल देशमुख को हराया था। बाद में वे गांधी से मिल गए और कांग्रेस में शामिल हो गए। वे 2019 में फडणवीस के खिलाफ चुनाव भी लड़े थे। फडणवीस हाल ही में देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर गए थे। इससे पहले देशमुख ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से मिलने की थी। बीजेपी उन्हें सावनेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सुनील केदार मैदान में उतार सकते हैं।
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