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रावण संहिता: जब भी राग का जिक्र होता है तो एक राक्षस, अहंकार में चूर प्राणी की छवि उभरती है लेकिन रावण के ज्ञान के बारे में कहा जाता है कि उसकी बराबर प्रखर बुद्धि का प्राणी पृथ्वी पर कोई दूसरा नहीं हुआ है। वह राक्षस होने के साथ पंडित, तांत्रिक और ज्योतिषी भी था।
रावण ये भली चौकों था कि मंत्रों में बहुत शक्ति होती है, मंत्र जाप से ही उसने शिव जी को प्रसन्न किया था। शिव तांडव स्तोत्र और रावण संहिता की रचना रावण ने ही की है। रावण संहिता में कई ज्योतिषीय रहस्य का वर्णन है, जिसमें धनवान बनने के मंत्र बताए गए हैं, कहते हैं इनके पालन करने वालों के भाग्य के सामने खुल जाते हैं।
रावण से जानें धनवान बनने का मंत्र (रावण संहिता मंत्र)
आय में वृद्धि नहीं हो रही है, जिम्मेवारियों की राह में आ रही है ‘ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्यवादाधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।’ का 108 बार जाप करें। जाप के दौरान एक कौड़ी अपने पास रखें और तीन माह तक इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करें। जाप पूरे होने के कौड़ी को तिजोरी या धन स्थान पर रखें। धन वृद्धि के लिए ये लाभ होता है। ध्यान रहें जाप में तन के साथ मन की स्वछता भी जरूरी है।
लक्ष्मी को आकर्षित करने : ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:’ – रावण संहिता के अनुसार धनवान बनता है तो कुछ विशेष तिथियों पर जैसे मकर संक्रांति, होली, अक्ष तृतीया, कृष्ण जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि और दीवाली जैसे शुभ अवसर मध्यरात्रि में 108 बार इस मंत्र का जाप करें। इससे नकारात्मकता आसपास भी नहीं जाती और लक्ष्मी आकर्षित होती हैं।
खोया धन प्राप्त करें : ‘ॐ नमो विघ्नविनाशाय कोष दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।’ – धन-दौलत में कमी हो रही है, किसी चीज के लिए परेशान हैं कर्ज लेने की नौबत आ गई है तो इस मंत्र का 10,000 बार जाप करें। इससे लक्ष्मी ब्रॉडबैंड रूप से घर में वास करती हैं और खोया धन पाने के संयोग बनते हैं।
चौकस तरीके से खुलेंगे : ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’ – ये मंत्र में आ रही हर बाधा का नाश करने की क्षमता रखता है। रावण कोड के अनुसार इस मंत्र को बरगज के पेड़ के नीचे लगातार 21 दिनों तक जाप करने से ये सिद्ध हो जाता है। इस मंत्र जाप की संख्या प्रतिदिन 1100 होनी चाहिए, इससे धन प्राप्ति की राह आसान हो जाती है।
आर्थिक तंगी से छुटकारा : ‘ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।’ रावण द्वारा रचित यह धन संबंधी हर समस्या का समाधान करने के लिए अचूक मंत्र माना जाता है। धन बचत नहीं कर पा रहे हैं, पैसा आता खर्च हो जाता है तो सवा महीने तक एक ही स्थान पर, एक ही समय पर हर रोज इस मंत्र का जाप करें।
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