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<डिव आईडी ="एम#संदेश-ए:आर-2117796549935879401" वर्ग ="मेल-संदेश का विस्तार किया"> <दिव्य वर्ग ="मेल-संदेश-सामग्री बंधनेवाला ज़ूम-सामान्य मेल-शो-इमेज "> <दिव्य वर्ग ="साफ़"> <दिव्य दिर ="ऑटो"> <दिव्य दिर ="ऑटो" शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"Summer Health Tips: देश भर में इस वक्त की गर्मी (Summer) का कहर जारी है. कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री से ज्यादा हो जाता है। तेज चिलचिलाती गर्मी में लोग पसीने से परेशान हो जाते हैं और धूप खराब हो जाती है। ऐसी भीषण गर्मी में स्वास्थ्य को बहुत हानि पहुँचती है, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल की सलाह देते हैं। ऐसे मौसम में जहां शरीर में पानी की कमी हो जाती है वहीं लू और गर्मी के साथ कई और खतरे पैदा हो जाते हैं। आपको बता दें कि गर्मी में सबसे पहले शरीर में डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)होता है और इसी तरह के डिहाइड्रेशन के कारण शरीर को कई तरह के शिकार हो जाते हैं।
पानी की कमी से रक्त के थक्के जम सकते हैं
गर्म शरीर में पानी की कमी होने से खून बहने का खतरा पैदा हो सकता है। दरअसल शरीर में अगर पानी की कमी हो जाती है तो इससे रेड ब्लड सेल्स कॉन्संट्रेशन हो जाता है। इसके कारण शरीर में लाल रक्त दिखावा और प्लेटलेट्स नसों में जुड़ जाते हैं और इससे रक्त क्लॉटिंग का खतरा पैदा हो सकता है। आप बता सकते हैं कि ब्लड क्लॉटिंग होने से जोखिम बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि शरीर में पानी की यानी पानी की कमी होने की स्थिति में शरीर में सागर रक्त भ्रम हो जाता है जो रक्त की लताओं के रूप में सागर हो जाता है। ऐसे में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा होता है और ये ब्लड क्लॉटिंग कई अन्य खतरे पैदा करता है। शरीर में पानी की कमी होने से सेरेब्रल वेन्स साइनस थ्रोम्बोसिस के भी डैमेज पैदा हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में क्लॉटेड डॉक्स में सूजन हो जाती है, जो शरीर में चोट के कारण बढ़ सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि ये स्वस्थ्य रहने से बचने के लिए जरूरी है कि गर्मी में भरपूर पानी पिया जाए और तरल पदार्थों का सेवन किया जाए। गर्मी में एक व्यक्ति को एक दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर भरना चाहिए। इसके साथ-साथ ठंड देने वाले ड्रिंक को भी पीना चाहिए। तेज धूप में बाहर निकलने से बचें। सीसीटीवी और हल्के रंग के कपड़े आपको गर्मी से दूर कर देते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरीके और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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