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पहलवान विरोध समाचार: मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित ऐतिहासिक सोरम गांव में गुरुवार को एक खाप पंचायत का आयोजन किया गया था। जिन पहलवानों को न्याय के लिए हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से उल्लेखनीय भर खापों के चौधरी यहां पहुंचे थे। लगभग छह घंटे चले इस पंचायत में खाप चौधरी ने कोई फैसला नहीं लिया और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दो जून को पंचायत का ऐलान कर दिया।
पंचायत के प्रबंधक नरेश टिकैत ने कहा कि एक तरफ बीजेपी है, दूसरी तरफ सभी पार्टियां हैं। सभी दल हैं, सभी संगठन एक तरफ हैं और एकल भाजपा इतनी ताकतवर है कि सभी एक साथ मिलकर प्रतिस्पर्धी पार्टी करेंगे जब पूरा पाटे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि राष्ट्रपति या गृह मंत्री से हट जाएं और बाद में अपने अधिकार में पंचायतें की जाएं। ज़रुरत तो ट्रैक्टर भी तैयार है। बड़ा आंदोलन करना पड़ सकता है। हो सकता है कि अयोध्या तक ट्रैक्टर मार्च निकल जाए। न्याय वहां से भी मिल सकता है। गोरखपुर से भी जस्टिस मिल हो सकता है। दिल्ली से भी न्याय मिल सकता है तो इसलिए पता नहीं कि जहां ट्रैक्टर मार्च आवंटन जारी करेगा।
इन जातियों की अपील
लगातार इस पंचायत का फैसला वैसे भी सुरक्षित रखा गया है। लेकिन मंच से बोलते हुए भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह घोषणा जरूर की है। जिसमें कहा गया है कि इस मामले को लेकर राष्ट्रपति और सरकार से खाप का एक प्रतिनिधि होगा। इसके अलावा और जो भी जजमेंट होगा वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र की पंचायतों में होगा लेकिन यह लड़ाई लड़ी जाएगी। खाप पंचायत और लड़कियां ये नहीं हारेंगी, ये अन्याय उनके साथ नहीं होगा। ये सरकार अभी सहयोग करने पर लगी है। गुर्जर और ठाकुरों का नया विवाद करवा दिया। साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि जो जातियां आपस में लड़ रही हैं वे अपील करते हैं कि वह आपस में लड़ते हैं।
मंच से बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जांच होगी तो हमने कहा कि जिस पर आज से पहले पोस्को धराएं लगी है उसकी गिरफ्तारी सबसे पहले हुई। इस वाले मामले पर गिरफ्तारी क्यों नहीं और क्या आने वाले समय में कानून में ये संशोधन होगा कि जिस पर भी इस तरह के मामले में जांच या गिरफ्तारी होगी। एक कानून बना दो कि गिरफ्तारी नहीं होगी और हम पहले जांच करेंगे। हम काम तारिके से अपनी बात कह रहे हैं, यहां पर भी बहुत फैसले और अभी फैसला तो यहां का सुरक्षित रखा है। लेकिन ये लड़ाई तय होगी, ये खाप पंचायत और ये लड़ाई नहीं हारेंगे।
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