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छत्तीसगढ़ समाचार: छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव (छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018) में बड़े मुद्दों पर शराबबंदी (निषेध) हो रही है। अब 2023 विधानसभा चुनाव (Election 2023) करीब आते ही फिर से शराबबंदी पर चर्चा शुरू हो गई है. बीजेपी (बीजेपी) शराबबंदी के मुद्दों पर कांग्रेस सरकार (कांग्रेस सरकार) को घोटालों में जकड़ी है। सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है। इसी बीच भूपेश बघेल (CM bhupesh Baghel) ने शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि शराबबंदी नहीं बल्कि नशाबंदी की जानी चाहिए। इसके साथ गुड़ाखू, गुटका, गांजा जैसी सभी चीजें सामने आनी चाहिए।
शराबबंदी पर सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान
दरअसल बुधवार को रायपुर में मीडिया से बातचीत में भोपाल भूपेश बघेल ने शराबबंदी पर साकार स्टैंड रखा है। सीएम भूपेश बघेल (CM भूपेश बघेल) ने कहा कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा, जिससे लोगों की जान चली जाए. मैं चाहता हूं कि शरबबंदी नहीं बल्कि नशा बंदी होना चाहिए। गुड़ाखू, गुटका गांजा जैसी सभी चीजें बंद हो जाती हैं और उनके लिए माहौल खराब हो जाता है। जब समाज में इस तरह का माहौल बनेगा तो निश्चित रूप से नशामुक्ति होगी।
शराबबंदी से समाज पर प्रभाव क्या होगा ये भी डाक टिकट होगा
इसके आगे भूपेश बघेल ने जिन राज्यों में शराबबंदी की है। वहां की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा गया कि गुजरात और बिहार में लोग जहरीली शराब पीकर मर गए। लॉकडाउन के समय रायपुर में उदास पीकर लोगों की मौत हुई। बिलासपुर में भी इसी तरह की घटना हुई है। ऐसा नहीं है कि हमने कहा है तो उसे कर ही देना है। ये 1 दिन की बात है कि आज शराब की दुकान बंद कहता है इसमें कोई समय नहीं लगता। लेकिन इसका प्रभाव समाज पर क्या होगा ये भी डाकिया होगा। क्योंकि सामाजिक बुराई को जब तक समाज सामने आकर हाथ में ना लें तब तक यह संभव नहीं होगा और समय सीमा बताना मुश्किल है।
भूपेश के बयानों पर भाजपा का तंज
इस बयान से अब शराबबंदी पर सरकार का फैसला लगभग साफ नजर आ रहा है। कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी अभी नहीं करने वाली है। इसपर अब बीजेपी की तरफ से बयान सामने आए हैं। बीजेपी के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (अजय चंद्राकर) ट्विटर पर नंबरदार तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि हे महाप्रभु! (मान। छत्तीसगढ़ कांग्रेस शोषित) आपको शराबबंदी के बारे में दिव्यज्ञान किस महान आत्मा से प्राप्त हुई उनके दर्शन छत्तीसगढ़ की जनता को करवाएं… सभी शराब कोचिया, दलाल और जेल में बंद माफियाओं की ओर से उनके नागरिक अभिनंदन करवाएंगे।
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी आसान नहीं!
अत्याचारी है कि 2018 विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने पहले की आबादी को शराबबंदी करने का वादा किया और अपने घोषणा पत्र में भी इस मुद्दे को शामिल किया था। लेकिन सरकार बनने के करीब 4 साल बाद भी शराबबंदी नहीं हुई है। हलाकि कांग्रेस सरकार ने एक कमिटी बनाई है जो लगातार उन राज्यों में शराबबंदी करती है। वहां जाकर उनकी नीति समझ रहे हैं। लेकिन अब माना जा रहा है कि अब शराबबंदी का बड़ा फैसला आसान नहीं है। इसका असर भी चुनाव में अनुमान लगाया जा सकता है।
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