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गौतम बुद्ध अमृतवाणी हिंदी में: गौतम बुद्ध को बौद्ध धर्म का संस्थापक कहा जाता है। वे सालों तक बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या की और उसके बाद उन्हें दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ। बुद्ध ने अपने उद्धरण और उपदेशों से संपूर्ण संसार को शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया।
इसलिए कहा जा रहा है कि बुद्ध के विचार आपका जीवन बदल सकते हैं। बुद्ध की आज की अमृतवाणी में आपको मुहावरा गौतम बुद्ध से जुड़ी एक ऐसी कहानी के बारे में, जिससे आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां रहेंगी। क्योंकि बुद्ध का मानना है कि, यह पूरी तरह से आप पर ही संतोष करता है कि आप खुशी या गम क्या लेना पसंद करते हैं?
आप क्या लेना पसंद करेंगे? उदास मुस्कान
एक बार बुद्ध एक गांव से गुजर रहे थे। लेकिन उस गांव में लोगों के बीच गौतम बुद्ध को लेकर गलत धारणा थी, जिस कारण वो बुद्ध को अपना दुश्मन मानते थे। जब उस गांव में बुद्ध आए तो गांव वाले उन्हें बहुत बुरा कहने लगे और बदुआएं देने लगे।
लेकिन इसके बावजूद भी बुद्ध ग्रामीण लोगों की बात शांति से और मुस्कुराते हुए ध्यान नहीं देते। गाँव वालों ने देखा कि उनकी बातों का बुद्ध पर कोई असर नहीं हो रहा है और वे खाते से उनकी बातें सुन रहे हैं। गांव वाले जब बोले-बोलते गए तो फाइनल में बुद्ध ने कहा कि- ‘यदि आप सभी की चीजें निकल जाती हैं तो मैं अब बदल जाता हूं’।
बुद्ध की बात सुनकर गांव वाले हैरान रह गए। लेकिन उस भीड़ में एक व्यक्ति ने बुद्ध से कहा कि- ‘तुम्हें कोई सूझता नहीं है। हम हेड बडुआएं दे रहे हैं। क्या इससे कोई फर्क नहीं पड़ता?”
बुद्ध बोले- जाओ मैं तुम्हारी गालियां या बदमाशों को नहीं लेता। आपके द्वारा दी गई गालियों से बुरा मेरा क्या होगा, जब तक मैं आपकी गालियों को स्वीकार नहीं करता तब तक इसका कोई परिणाम नहीं होगा। जानिए कुछ दिन पहले एक शख्स ने मुझे बहुत सारे गिफ्ट दिए। लेकिन मैंने उसे मना कर दिया। जब मैं लगूंगा ही नहीं तो कोई कैसे जमा करेगा।
बुद्ध ने पूछा- बताओ अगर मैंने उपहार नहीं लिया तो उपहार देने वाले ने क्या किया होगा। भीड़ में से किसी ने कहा- व्यक्ति ने अपने उपहार को अपने पास रख लिया होगा। बुद्ध ने कहा- मैं तुम सब पर इसलिए दया आती है। क्योंकि मैं आपकी इन गैलियों को लेने में असमर्थ हूं और आपकी ये गलियां आपके पास ही रह जाएंगी।
सीखें: भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी इस कहानी से यह सीख मिलती है कि, हम अक्सर अपने दुखों के अन्य कारणों को समझते हैं। लेकिन असल में यह हमपर ही हमेशा करता है कि हम वास्तव में क्या लेना चाहते हैं ‘खुशी या गम’, ‘उदासी या मुस्कान’। यकीन माने ये छोटी सी कहानी जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
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