मूलचेरा तालुका के शांतिग्राम से लेकर गीताली कंचनपुर ककरघटा क्षेत्र में खुलेआम दारू गंजा बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं। शांतिग्राम गीताली कंचनपुर में हर माह 18 से 25 वर्ष के जवान के लिवर खराब होने के कारण हस्पताल में जान पद रहा हैं।
पिछले कई महीने में कई मां बाप के एकलोटा बेटा खोने का गम खत्म होने से पहले एक और मां के बेटा दारू के कारण हस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ते अब आम बात हो गई। त्रिबेनी कंपनी के लोखंडी धूल के कारण बच्चे बूढ़े जवान के आंख में खतरनाक बीमारी का महामारी फैल रही हैं।अल्लापल्ली से लेकर लगाम मुख्य सड़क के पास के सभी गावो में आंख की बीमारी अब महामारी का रूप ले चुका हैं।क्या गरीब क्या अमीर घर घर आंखो का बीमारी के साथ साथ गावो में गली गली देशी दारू भट्टी से घर घर नसे का शिकार हो रहे हैं।मां के लाडले। सड़क के मुख्य मार्ग से 500 मीटर के आसपास घरों में सूरजगढ़ के लोखंडी धूल घरों में देखे जा सकते हैं।आंख से लेकर कपड़े खाने के चीजों में जहरीला धूल देखा जा सकता हैं।कब तक शासन और कंपनी के भ्रष्ट कारभार के शिकार आम जनता को भुगतना होगा? आखिर पुलिस प्रशासन और खनन विभाग के लापरवाही का शिकार गांव के आम नागरिक को ही भुगतना क्यों?बोरी से लेकर काकरगट्टा नाका तक सभी डाबा में खुलेआम दारू गंजा बिक्री जोर पकड़ता दिख रहा हैं। डाबा मालिक से पिव्छने पर उनका तर्क हैं। बिना दारू गंजा के धंधा नही चलेगा।सभी बिक रहे हैं।हैं भी नही रखेंगे तो हमारा धंधा नही चलेगा। आखिर कानून व्यस्था इतनी लाचार क्यों हो गई।की कानून का डर किसी को नही रहा?
गड़चिरोली से ज्ञानेंद्र विश्वास