[ad_1]
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 की शुभकामनाएं: 20 जून 2023 को जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत होगी। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दूसरी तारीख से उड़ीसा की पुरी में रथ यात्रा के दौरान जगन्नाथ जी, भाई बलराम और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होकर नगर घूमने के लिए खोज रहे हैं और फिर गुड़ीचा मंदिर में अपनी मौसी के घर में कुछ दिन आराम कर सकते हैं। स्थान पर आते हैं।
जगन्नाथ जी की रथ यात्रा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दर्शन मात्र से जीवन के हर संकट दूर हो जाते हैं, वहीं रथ के भक्तों को सौ यज्ञ करने के समान फल मिलते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा के शुभ अवसर पर अपने दोस्तों और विजेताओं को ये शुभकामनाएं भेज सकते हैं इस पावन पर्व की बधाई दे सकते हैं।
नीलांचल निवासाय नित्याय परमात्मने।
बलभद्र सुभद्राभ्याम् जगन्नाथाय ते नमः।।
जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाए
जगन्नाथ रथ यात्रा के पावन पुण्य से आप सभी के जीवन में
सुख, समृद्धि, स्वर, यश और आरोग्य स्थापित करें।
जगन्नाथ रथ यात्रा की सुविधाएँ
ऊँ अनंताय जगन्नाथाय नम:
ऊँ चतुमूर्ति जगन्नाथाय नम:
रथ यात्रा 2023 की बधाई
भगवान जगन्नाथ आपके जीवन में सफलता,
समृद्धि और खुशियों के सबसे बेहतरीन रंग देखें
आप और आपके परिवार को
जगन्नाथ रथ यात्रा की सुविधाएँ
रथारूढ़ो गच्छन् पथि मिलित भूदेव पटलैः
स्तुति प्रादुर्भावम् प्रतिपदमुपाकर्ण्य सवयः ।
दया सिन्धुर्बन्धुः सकल जगतां सिन्धु सुतया
जगन्नाथः स्वामी नयन पथ योगी भवतु मे
रथ यात्रा आपके जीवन सुख के लिए
जगन्नाथ भगवान की ज्योति से नूर मिलता है
भक्तों के संग्रह को सुरूर मिलता है
जिसे जगन्नाथ के द्वार भी कहा जाता है
उसे कुछ न कुछ जरूर मिलता है
जगन्नाथ रथ यात्रा की सुविधाएँ
हे भगवान, जगन्नाथ थाम भक्तों का हाथ लेते हैं
कृपा करना कि सब चले आपके साथ-साथ
जगन्नाथ रथ यात्रा की सुविधाएँ
हे प्रभु जगन्नाथ थाम मेरा हाथ
अपने रथ में ले चलूं मेरे साथ
लुनए नमुको अब कोई
मेरा तो बस अब एक ही स्वार्थ
जगन्नाथ ! जगन्नाथ ! जगन्नाथ !
सावन 2023: सावन पर 19 साल बाद दुर्लभ संयोग, भक्तों पर ब्रितगी शिव संग गौरी की असाधारण कृपा
अस्वीकरण: यहां देखें सूचना स्ट्रीमिंग सिर्फ और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताता है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी विशेषज्ञ की जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सलाह लें।
[ad_2]
Source link