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महाभारत: महाभारत का युद्ध 18 दिन चला था जिसमें 13वां, 14वां, 15वां और 16वां दिन बहुत खास माना जाता है। आइए जानते हैं कि इन दिनों क्या हुआ था जिसमें सिर्फ सेना ही नहीं संबंध का भी संहार हुआ।

महाभारत युद्ध – 13वां दिन

  • महाभारत युद्ध के 13वें दिन गुरु द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना कर युधिष्ठिर को बंदी बनाने की योजना बनाई। भगवान श्रीकृष्ण की नीति के कारण अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को चक्रव्यूह को भेदने का आदेश दिया गया।
  • अर्जुन पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदना तो जानते हैं, लेकिन उससे निकल नहीं। अंदर घुसते ही अभिमन्यु ने कौरव सेना को मार गिराया जिसमें दुर्योधन का पुत्र लक्ष्मण भी मारा गया। जब अभिमन्यु 7वें और अंतिम चरण में पहुंचे, तो उन्हें दुर्योधन, जयद्रथ सहित7 महारथियों ने घोर अपमान किया। और अभिमन्यु को निहत्था कर वध कर दिया।

महाभारत युद्ध – 14वां दिन

महाभारत का 14वां दिन सबसे ज्यादा डिस्ट्रेक्टेड था। अर्जुन ने बेटे का बदला लेने के लिए खुद कौरव सेना के सात अक्षाह्नियों को मार डाला। द्रोण और अन्य कौरव अर्जुन के संहार के आगे फीके पड़ गए। उसी समय कृष्ण की चाल के कारण जयद्रथ ने भी अर्जुन के हाथों मारा।

महाभारत युद्ध – 15वां दिन

  • 15वें दिन कृष्ण ने युधिष्ठिर से द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वथामा के मारे जाने की बात फैलाने को कहा लेकिन युधिष्ठिर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। फिर भीम ने इस योजना के तहत अवंतिराज के एक अश्वत्थामा नामक हाथी का वध कर दिया।
  • जब युधिष्ठिर ने द्रोणाचार्य से कहा कि ‘अश्वत्थामा मारा गया, लेकिन हाथी।’ श्रीकृष्ण ने उसी समय शंखनाद किया जिसके शोर के कारण गुरु द्रोणाचार्य आखिरी शब्द ‘हाथी’ नहीं सुन पाए। शोक में डूबे द्रोणाचार्य शस्त्र त्यागकर भूमि पर गिर पड़े और उसी समय द्रौपदी के भाई धृष्टद्युम्न ने तलवार से उन्हें मार डाला।

महाभारत युद्ध – 16वां दिन

महाभारत युद्ध के 16वें दिन जब भीम पुत्र घटोत्कच कौरवों की सेना पर भारी पड़ने लगती है। दुर्योधन ने घटोत्कच को मारने के लिए कर्ण को इंद्र द्वारा दिए गए दिव्यास्त्र का प्रयोग करने के लिए कहा, जो कर्ण ने अर्जुन का संहार करने के लिए बचा रखा था। कर्ण ने विवश होकर इन्द्र का वह अमोघ अस्त्रोत्कच पर चला गया और उसका वध कर दिया। उसी दिन भीम ने दुशासन का वध किया और उसकी छाती पढ़ने वाला रक्त से द्रोपदी के बाल धोने की प्रतिज्ञा पूरी की।

महाभारत: क्या सही में भीम ने द्रौपदी के बालों को खून से धोने की प्रतिज्ञा ली थी? सच्चाई क्या है

अस्वीकरण: यहां देखें सूचना स्ट्रीमिंग सिर्फ और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताता है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी विशेषज्ञ की जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सलाह लें।

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Umesh Solanki

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