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आदिपुरुष विवाद: प्रभास (प्रभास) और कृति सैनन (कृति सेनन) की ‘आदिपुरुष’ (आदिपुरुष) को लेकर विवाद थमाने का नाम नहीं ले रहा है। जब से फिल्म थिएटर्स में रिलीज हुई है। उसी समय से ही कागजात को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर (मनोज मुंतशिर) ने खुद की जान को खतरे में डालते हुए मुंबई पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी। वहीं अब फिल्म को लेकर बढ़ता विरोध देखने को मिल रहा है कि निर्देशक ओम क्लासिक (ओम राउत) पर भी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है।
विवादों को देखते हुए ओम क्लासिक को मिली सुरक्षा ?
इस मामले में एक सूत्र ने बॉलीवुड सुपरस्टार से बात करते हुए कहा था कि, ”ओम ब्रांड के साथ उनके ऑफिस में चार कंसल्टेंट और एक हथियारबंद ऑर्किड किरदार दे रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि ओम ने क्या किया है” खुद की सुरक्षा की मांग की है या उन्हें विरोध को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा ही दे दी है.”
विरोध के क्रांतिकारियों ने बदले परिवर्तन किए
बता दें कि ‘आदिपुरुष’ में ऑनलाइन जुड़े संवादों में लोगों ने दोस्ती की तलाश की है। उनका कहना है कि ये फिल्म धार्मिक ग्रंथ रामायण पर आधारित है। ऐसे में मरीज़ों का घायल होना बिल्कुल ग़लत है। सहकर्मियों पर लोगों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। इतने ही लोगों ने तो फिल्म के संवादों को स्ट्रीटछाप तक कह दिया है। ऐसे में ऑर्केस्ट्रा ने फिल्म में कुछ डायलॉग्स को अब बदल दिया है।
ये बदले हुए डायलॉग्स हैं
1, ‘कपड़ा तेरे पापा का…तो जलेगी भी तेरे पापा की’…इस डायलॉग को अब ‘कपड़ा तेरे पापा का…तो जलेगी भी तेरे पापा की’ कर दिया गया।
2. ‘तू अंदर कैसे घुसे, तुझे भी पता है कौन हूं मैं’…इस डायलॉग को अब दोस्त ‘तू अंदर कैसे घुसा, तू भी जानता है कौन हूं मैं’ कर दिया गया है।
3. ‘जो हमारी बहनें…उनकी लंका लगेगी’ को भी बदला गया है। अब फिल्म में ये संवाद होगा ‘जो बहनें हमारी…उनकी लंका में आग लगेगी’।
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