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चाणक्य नीति: 84 लाख योनियों में मनुष्य जीवन का सबसे अच्छा विचार होता है, चाणक के अनुसार किसी भी व्यक्ति का जन्म किसी विशेष उद्देश्य से होता है। मानव जीवन साथी है. चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को सार्थक बनाने के लिए आवश्यक कार्य अवश्य करना चाहिए।

ये वो काम है जो व्यक्ति को जीत जी के साथ ही उसकी मृत्यु के बाद शुभ परिणाम देते हैं, हर कदम पर सुख और सफलता दिलाते हैं।

धर्मार्थकाममोश्रेषु यस्याकोऽपि न विद्यते।

जन्म जन्मानि मर्त्येषु मरणं तस्य केवलम्॥

धर्म का पालन

चाणक्य की नीति है कि धर्म के अधीन रहने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं होता। उनकी जिंदगी में जोश जरूर आता है लेकिन पल भर के लिए। लोग अपने धर्म को ही जीवन के सही मार्ग पर ले जाते हैं, धर्म को मानने वाला व्यक्ति कभी भी कर्म नहीं करता।

काम

आचार्य आचार्य कहते हैं कि जो भी जीव मनुष्य के रूप में जन्म लेता है, उसे अपने जीवन में कुछ न कुछ काम करना पड़ता है, बिना लक्ष्य के जीवन पशु के समान होता है। अपने दोस्त पर भरोसा करने वाले शख्स को कभी किसी के सामने हाथ फैलाकर नौबत नहीं आती. कर्मठ व्यक्ति को जिम्मेदारी का भाव होता है. कर्म करने वाले व्यक्ति का साथ भगवान भी देते हैं। साथ ही जो कुछ नहीं करता वह अपने जीवन के साथ अपने कुल को न बातचीत कर देता है।

धन

मनुष्य के जीवन में धन का होना अत्यंत आवश्यक है। धन पाने के लिए व्यक्ति को अपना लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है। धन लाभ के अलावा उनका सही उपयोग करना बाकी है ये सुख और सफलता मांगेगा। धन कमाने के लिए बचत, निवेश और दान का सदुपयोग करें।

मोक्ष

किसी भी प्रकार से मोक्ष की प्राप्ति होती है, प्रत्येक व्यक्ति अपने लक्ष्य, काम और कर्म से मोक्ष की प्राप्ति करता है। केवल अच्छे कर्म करने वालों को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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अस्वीकरण: यहां देखें सूचना स्ट्रीमिंग सिर्फ और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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Umesh Solanki

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