[ad_1]
मानसून में दूध: आपने सुना होगा कि घर के बड़े-बुजुर्ग में बारिश के मौसम में दूध पीना मना होता है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है? दरअसल, बारिश के मौसम में दूध पीने से पेट खराब हो सकता है। बस इतना ही नहीं यह आपका पूरा डायजेस्टिव सिस्टम शुरू कर सकता है। दूध फ़ूज पिंगिंग का कारण भी बन सकता है। दूध पीने से पेट की समस्याएं, एसिडिटी और पेट खराब होने का शिकार हो सकते हैं। इस मौसम में दूध पीने से शरीर को कई तरह के नुकसान होते हैं।
बारिश के मौसम में दूध की संरचना क्या सही है?
आयुर्वेद के अनुसार बारिश के मौसम में दूध की मात्रा कम होनी चाहिए क्योंकि इससे शरीर को कई तरह के नुकसान होते हैं। आपकी जानकारी के लिए बताएं कि कौन सा पौधा ही वह सीजन है जिसमें कीट, पतंगें, कीड़े-मकौड़े का ब्रीडिंग सीजन होता है। ऐसे में गाय-भैंस के चारे में दुकानदार दुकानदार हो सकते हैं। उदाहरण के लिए जानवरों का प्रभाव हो सकता है। जिसके बाद आप दूध पीने से लेकर डाइटिंग का शिकार तक हो सकते हैं।
पेट ख़राब हो सकता है
इस मौसम में दूध पीने से आपको पाचन संबंधी गड़बड़ी हो सकती है। दरअसल, इस मौसम में दूध पीने से डाइजेस्टिव एंजाइम्स को नुकसान होता है। सिर्फ इतना ही नहीं इसकी वजह से शरीर में कई तरह के रिएक्शन भी हो सकते हैं। आप कोई भी सामान खरीदते हैं तो उसे पचने में समय लगता है इससे स्लो मेटाबोलिज्म होता है।
बैल में इस तरह से दूध पिएं, जहर बल्कि अमृत की तरह काम
बारिश के मौसम में जानवरों को बीमारी होने का डर अधिक रहता है। ऐसे में दूध की संरचना आपके शरीर के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए ऐसे मौसम में दूध पीने से बचना चाहिए। अगर आप दूध पीना पसंद करते हैं तो आप दूध को अच्छे से गर्म करें और इसमें एक चुटकी हल्दी दाल शामिल है। यह दूध आपके शरीर के लिए जहर नहीं बनेगा।
अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरकीबें और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़ें: पिज़्ज़ा, बर्गर में आपका भी बच्चा खाता है एक्स्ट्रा चीज़, तो जानें इसके नुकसान क्या हैं?
नीचे स्वास्थ्य उपकरण देखें-
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करें
[ad_2]
Source link