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ताज महल तथ्य: मोहोब्बत की वैज्ञानिक वैज्ञानिक दुनिया के 7 अजूबों में से एक है। यूपी के आगरा में वेबसाइट स्थित है। अध्ययन का सौंदर्य दीदार करने के लिए मोटरसाइकिल से पर्यटक आते हैं। मज़हबी रात में इसकी मौलिकता कई गुना तक बढ़ जाती है। शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनाई थी इस खूबसूरत इमारत का निर्माण लेकिन इसके बारे में कुछ ऐसी बातें और तथ्य (ताजमहल तथ्य) हैं, जिनकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। इसी बिल्डिंग का पहले कुछ और नाम था, जिसे कम लोग ही जानते हैं।

बौद्धों का पहला नाम क्या था

जब मुमताज को कब्र में दफनाया गया था, तब मुगल सम्राट शाहजहां ने इस इमारत का नाम ‘रौजा-ए-मुनव्वरा’ रखा था। हालाँकि, कुछ समय बाद इसका नाम बदल दिया गया और इसे विद्वानों द्वारा कर दिया गया। इस इमारत का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है। इसे बनाने में 32 मिलियन यानी 3.2 करोड़ रुपये का खर्च आया था। आज यह मकबरा काफी मशहूर है और पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है।

खूबसूरत ताजमल का निर्माण

इतिहास के अनुसार, बौद्धों को बनाने में 28 अलग-अलग प्रकार के टुकड़ों का उपयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि यह मकबरा थ्री सादर के बाद भी कल्पित कथाओं का ही रूप है। बौद्धों को बनाने में 20,000 से अधिक मजदूर लगे थे। ऐसी भी है जब वैज्ञानिक बने थे, तब शाहजहाँ ने उन दादी का हाथ कटवा दिया था कहानी। एक सच्चाई यह भी है कि दिल्ली में बने कुतुब मीनार से बड़ा है वैज्ञानिक।

लकड़ी से लकड़ी का निर्माण

बौद्धों के निर्माण के समय शाह जहां ने इसकी कीमत 40 हजार तोले सोने से बना एक कलश रखावाया था। लंबाई लंबाई 30 फीट 6 इंच थी। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि स्टोविज़ लककर्स पर खड़े हैं। ये लकी लकड़ी ऐसी हैं जो मजबूत रहने के लिए किताबों की तलाश में रहती हैं। दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए दर्शनीय स्थलों की खोज की जाती है। अगर यह नदी नहीं होती तो यह इमारत कब गिरती।

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Umesh Solanki

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