Spread the love

[ad_1]

राम कंदमूल : फल खाना स्वास्थ्यवर्धक होता है। आपने कई फल के बारे में सोचा होगा और कई फलों का मिश्रण भी होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे चमकदार फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भगवान श्रीराम ने अपने 14 साल के वनवन के दौरान खाया था और आज भी यह फल दिखता है। चमत्कारिक है. कहा जाता है कि वनवन में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने केवल यही फल खाया था। इस फल का नाम मूल है. बाज़ार में यह फल नहीं है. यह फल गुणवत्ता से परिपूर्ण है. इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। पूरे भारत में रामकंद या रामफल, तमिल में भूमि सकरायावली किझांगु नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं इस फल के बारे में और इससे होने वाले चमत्कार के बारे में…

कंड मूल क्या है

कंडमूल स्वास्थ्यवर्धक फायदे वाला फल है। प्राचीन काल से इसका प्रयोग होता आ रहा है। देखें यह पसंदीदा नाश्ता बना है. आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में भी उल्लेख है। कांड मूल दृश्य में युगल के आकार का होता है। यह भूरा रंग क्या होता है. कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ हिसों में यह पाया जाता है। चे चिन्हाई में इसे दुर्लभ श्रेणी में रखा गया है। कंद मूल प्रमाणीकरण में नहीं रखा जाता है. यह जंगल में आप ही उगते हैं। इसे उगने में 12-15 साल लग जाते हैं. इस फल की सबसे खास बात यह है कि इसे खाने के बाद भी काफी देर तक भूख नहीं लगती है.

कंद मूल खाने के क्या-क्या फायदे हैं

1. मूलाधार खाते से इम्मयूत सिस्टम कई गुणा अधिक मजबूत बन जाता है। संक्रमण से लड़ने के लिए एक्स्ट्रा पावर यह फल देता है।

2. खांसी, अस्थमा, कंजेशन और ब्रोंकाइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को खत्म करने के लिए कन्द मूल चमक से कम नहीं है।

3. कंड मूल भोजन से पाचन बेहतर होता है।

4. इस फल में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं। गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से यह राहत मुक्ति का काम करता है।

यह भी पढ़ें

नीचे स्वास्थ्य उपकरण देखें-
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करें

आयु कैलकुलेटर के माध्यम से आयु की गणना करें

[ad_2]

Source link

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *