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ज़ोहरा सहगल अज्ञात तथ्य: कहानी एक ऐसी अभिनेत्री की, जिंदगी के हर कदम पर बगावत की। पहली बगावत उन्होंने समाज के कायदे-कानूनों से की। दूसरी बगावत महिलाओं के लिए तय बंदिशों से तो तीसरी बगावत रीति-रिवाजों से की। और तो और चौथे बागवत धर्म के पहरेदारों से कर ली। आलम तो यहां तक जा रहा है कि उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी बगावत उम्र से की। अब बगावत का इतना जिक्र हुआ है तो समझ जाना लाजिमी है कि बात वन और ओनली जोहरा सहगल की हो रही है। जिंदगी की आखिरी घड़ी तक दिल को बच्चा दिखाने वाली जोहरा ने 102 साल की उम्र में साल 2014 में आज ही के दिन यानी 10 जुलाई को इस दुनिया को अलविदा कहा था। आइए आपको उनकी जिंदगी के रंग-बिरंगे किस्सों से बने हैं…
बर्तन खानदान से बर्तन रचाई जोहरा
जोहरा सहगल ने 102 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा था, लेकिन जिंदादिली के मामले में वह कभी भी गायब नहीं हुईं। आखिरी घड़ी तक जिंदगी के हर रंग को जीने की चाह रखने वाली जोहरा का जन्म 27 अप्रैल 1912 के दिन उत्तर प्रदेश के पुनर्वास में हुआ था। जोहरा पोर्ट्रेट के बर्तन खानदान से थे, जो पोर्ट्रेट के प्लाट खानदान से थे।
जोहरा का पूरा नाम साहिबजादी जोहरा मुमताजुल्ला खान का नाम था। उनके सात भाई-बहन थे. जोहरा ने अपनी पढ़ाई-लिखाई लाहौर के क्वीन मैरी कॉलेज से की, जो आज़ादी से पहले देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय स्कूल माना जाता था। वह कॉन्स्टेंट इस स्कूल के टॉपर भी बने रहे। वहीं, पढ़ाई पूरी करने के बाद 1930 में वह यूरोप चले गए। जोहरा की पहली बगावत यही थी, क्योंकि वह यहीं थी, जब लड़कियों की पढ़ाई के बारे में भी नहीं सोचा था।
कार से घूमा सारा जहां
जिस में लड़कियों पर निबंध बंदिशें थीं, वह वक्ता जोहरा टॉमबॉय की तरह रहती थी। उन्हें पेड़ पर चढ़ाना और बाहरी बाज़ार में सबसे ज्यादा पसंद किया गया। उन्हें देश विदेश घूमना और अलग-अलग संस्कृति और संप्रदाय की यात्रा में काफी दिलचस्पी थी। इसके बाद उन्होंने कार से ही लगभग पूरे भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप की यात्रा की थी। इस यात्रा से वापसी के बाद ही जोहरा को लाहौर की क्वीन मैरी गर्ल्स कॉलेज भेजा गया था।
10वीं में लगातार फेल्स की बगावत
यह जानने वाली बात यह है कि जिस स्कूल में जोहरा कॉन्स्टेंट टॉपर बनी, उसी स्कूल में 10वीं करने के दौरान वह तीन साल फेल भी हो गई। हालाँकि, इसकी वजह कम पढ़ाई नहीं, बल्कि शादी की तैयारी थी। दरअसल, जोहरा के पिता ने कहा था कि 10वीं के बाद वह जोहरा की शादी करेंगे। यह लगातार तीन साल तक इस कक्षा में असफल रहा।
इश्क़ में सारे जहाँ से मोल ली दुश्मनी
स्नातक के बाद जोहरा ने प्रख्यात नर्तक उदय शंकर का ग्रुप जॉइन किया और 1935 से 1940 तक उनके साथ जापान, मिस्त्र, यूरोप और अमेरिका में कई स्थानों पर काम किया। इसके बाद वह उदय शंकर के डांस ग्रुप की ट्रेनर बन गईं। इसी दौरान उनकी मुलाकात में अडोरो के साइंटिस्ट, पेंटर और डांसर कामेश्वर सहगल से हुए, जिनकी उम्र आठ साल छोटी और धर्म से हिंदू थे। कहा जाता है कि दोनों की इश्क की खबरें फ़िज़ाओं में तो दंगे जैसे दरवाज़े बन गए थे। हालांकि, जोहरा ने अपनी कोई परवाह नहीं की और कामेश्वर सहगल से शादी कर ली।
उम्र से भी ज्यादा समय लगता है
जोहरा ने 10 जुलाई 2014 को 102 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा था। यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इतनी उम्र में भी जोहरा बेहद जिंदा दिल था। वह बच्चों जैसा व्यवहार करता है, जिससे लगता है कि उम्र का पैमाना उन्हें कहीं से भी छूकर नहीं निकलता। आलम यह था कि 97 साल की उम्र में भी उनकी शारीरिक जांच की इच्छा स्पष्ट हो गई थी। असल, उस वक्त एक साक्षात्कार में जोहरा से उनकी जिंदादिली का राज पूछा गया था। जोहरा ने साफा-सफ से कहा था कि मेरी जिंदादिली का राज और सेक्स है। जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए सेक्स बेहद जरूरी है और मैं भी अब सेक्स चाहता हूं।
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