2016 शासन जमा काबिलकास्थ वर्ग 2 को जमीन पटवारी से साठ गांठ कर इपिक ऑनलाइन किए जाने का सनसनी मामला। मुलचेरा मजसूल अंतर्गत शांतिग्राम के सर्वे क्रम 11 और 19 जमीन जो लिखित शिकायत के बाद 2016 में सरकार जमा होकर काबिलकस्थ किया गया। परंतु अतिक्रमण धारी विकाश आदित्यनाथ घरामी के द्वारा दुबारा 2019 को लगाम के पटवारी रितेश चिदांबर के साथ करीबी संबंध होने से सर्वे क्रम 11 वा 19 पर तहसीलदार से जमीन पर अपने नाम चालान बनाया गया।।
अब जमीन के नाम पटवारी से मुड़ मलक के नाम हटाकर बिकास आदित्यनाथ घरामी के नाम 7/12 पर कबिलकास्थ के साथ जोड़ कर पटवारी के द्वारा शासन को गुमराह कर राष्टीय राजमार्ग के करोड़ो की जमीन पर सोसाइटी में धान देने के लिए इपिक ऑनलाइन किया गया। या ऑनलाइन ईपिक कर कब्जा दिखाने की खेल खेला गया?2012 में सर्वे क्रम 11 वा 19 पर पटवारी के द्वारा पेंसिल से पहले सुरेश आदित्यनाथ घरामी के नाम 7/12 देकर शासन से दुष्कर के नाम रक्कम लिया गया। उसके बाद तुरंत 7/12 से सुरेश आदित्यनाथ घरामी के नाम हटाकर विकाश आदित्यनाथ घरामी के नाम 7/12 पे नाम दर्ज किया गया।।लेकिन किसी भी प्रकार से फेरफार पंजी में नोंद नही किया गया। आखिर पटवारी रितेश चिदंबर शासन का दिशाभूल कर विकाश आदित्यनाथ घरामी को क्यों करोड़ो की जमीन कब्जाने में मदत कर रही हैं? विकाश आदित्यनाथ घरामी ने आखिर 16/6/2023 किस आधार पर कबिलकास्थ जमीन सर्वे क्रम 11 व 19 को ईपिक ऑनलाइन किया? मोब क्रम 7798374722 जो उनके खुदके मोब नो हैं।इसी से ईपिक किया गया। कुछ दिन पहले पटवारी रितेश चिदंबर के द्वारा विकाश घरामी के पिता आदित्यनाथ जोडूनाथ घरामि के द्वारा 3 एकड़ में धान और 2 एकड़ में कपास लगी खेत को भी धान उठित 7/12 दिया गया? जिससे आदित्यनाथ जोदुंनाथ घरामी जीडीसीसी बैंक लगाम शाखा से शासन का दिशाभूल कर पूरे 5 एकड़ के नाम धान उठित दिखाकर कृषि कर्ज लिया गया । आखिर पटवारी क्यों शासन का दिशाभूल कर शासन का ही नुकसान कर रहे हैं? आदित्यनाथ घरामी के द्वारा 7/12पूरे 5एकड़ का जीडीसीसी बैंक में कर्ज के लिए जमा किया। और ईपिक ऑनलाइन में 1,33 और 0,8 ऑनलाइन धान दिखाया। इससे साफ जाहिर होता हैं।पटवारी अपनी कारगुजारि को छुपाने के लिए घरामी को मादत कर रही हैं।।।अपने द्वारा दिया गया पूरे 5 एकड़ का 7/12 को छुपाने के लिए।पटवारी के कारनामे यही नहीं रुकी सर्वे क्रम 11 वा 19 को फेरफार किया गया।लेकिन फेरफार पंजी में दर्ज क्यों नही किया गया?पहले सुरेश घरामी के नाम 7/12 फिर विकाश आदित्यनाथ घरामी के नाम 7/12 अलग अलग 7/12पर दुष्कार का पैसा लेना? शासन से शेत तालाब का लाभ लेना? बिजली विभाग से विकाश घरामी के नाम शैती के नाम थ्रेफेज बिजली कनेक्शन लेना? फिर 2016 में जमीन शासन जमा होना। 3साल जमीन पड़ित होने के बाद 2019 में अचानक महसुल विभाग से विकाश आदित्यनाथ घरामी के नाम शासन जमा जमीन के नाम चालान बन जाना सीधा दिखाई पड़ रहा हैं।आदित्यनाथ घरामी के पुत्र को शासन के जमीन हड़पने के लिए शासन किं किमती जमीन आदित्यनाथ के परिवार को किसी न किसी कीमत पर उनके नाम करवाने का एक भ्रष्ट खेल कर उनके कब्जे में देना। पटवारी का भ्रष्टखेल शासन के साथ खेलना।शासन के पास लिखित वरमबर शिकायत के बाद भीं ना सुरेश आदित्यनाथ घरामी पर कारवाही हुई और ना विकाश आदित्यनाथ घरामी पर कारवाही हुई? ना शासन ने पटवारी के भ्रष्ट कारभार पर कोई जांच हुई ना कोई कारवाही हुई? आखिर प्रशासन किस कारण घरामी परिवार और पटवारी के बोगस भ्रष्ट काम को छुपाकर उन्हे सरक्षण देकर शासन का ही नुकसान कर रही हैं?पटवारी का कारगुजारिया यही तक सीमित नहीं,शांतिग्राम अंतर्गत डोरफोड़ी ,अखाड़ा, शमसान घाट,बाजार वाड़ी इतर शासकीय राखीव जगह पर कब्जा आदित्यनाथ घरामी के पुत्र के साथ साथ उनके हितसंबन्धित के हैं,लेकिन किसी और के नाम 7/12 पर नाम दर्ज किया गया था। जब पटवारी के पास माहिती के तहत जानकारी मांगी गई,पटवारी ने तुरंत un नामो को हटाकर असल शासकीय जमीन नोद कर दी गई । लेकिन फेरफार पंजी में दर्ज नहीं आखिर पटवारी शासन का दिशभूल कर शासन के जमीन का सौदा कर रहे हैं या घोटाला या अपने हितसंबंधित को लाभ पहुंचाना चाहते हैं? आखिर पटवारी अपने 12 से 13 साल के कार्यकाल में शासन का नुकसान क्यों जानबूजकर किया? और क्यों लिखित टकरार के बाद भी प्रशासन पटवारी की कामकाज लेखाजोका की जांच नही किं गाई? आखिर पटवारी को बड़े अधिकारीयों का सरक्षणं क्यो मिल रहा है ? आखिर पटवारी विकाश आदित्यनाथ घरामी ,सुरेश आदित्यनाथ घरामी को शासन की जमीन कब्जाने और शासन के मार्फत दिलाने में इतना अपनापन क्यों दिखा रही हैं? पटवारी आखिर अनगिनत बार अलग अलग 7/12 देकर भी फेरफार पंजी में दर्ज क्यों नही दिखाया? क्यों प्रशासन का दिशाभूल किया? आखिर प्रशासन पटवारी की कारगुजारी कामों की जांच क्यों नही करती?
गदचिरोली से ज्ञानेंद्र विश्वास