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<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">भारत में चावल जाने सबसे लोकप्रिय अनाज है। लोग इसे अलग-अलग तरीकों से छोड़ते हैं। किसी चावल को तला हुआ खाता है तो कोई आटा, पुलाव और बिरयानी बनाता है। लोग जैसा जैसा और ठीक समझते हैं, वैसा ही उसे कहते हैं। मगर चावल के रूप में आपको सही पोषण नहीं मिल सकता है। यही कारण है कि आपको यह असाधारण होना चाहिए कि चावल पकाने का सही तरीका क्या है? और किस तरीके से आप चावल की दुकान बना सकते हैं?
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, चावल कुकिंग का सबसे अच्छा और तरबूज मेथड ‘पार-बॉयलिंग’ और ‘फ्रेशिंग वॉटर मेथड’ है। ये मेथेड आर्सेनिक को कम करने में मदद करता है। इस विधि के अनुसार, चावल में अधिक मात्रा में पानी मिलाया जाता है और एक्स्ट्रा पानी निकाला जाता है। एक्स्ट्रा पानी को निकालने के बाद फिर से पानी निकाला जाता है और स्वादिष्ट मेथड से नमकीन चावल को मसाले के रूप में लिया जाता है। इस मेथड के अलावा, एक और मेथड है, जिसमें पूरी रात के लिए चावल को फ़र्ज़ी में स्टोर करके रख दिया जाता है। फ़्रिज़ में स्टोर करने की वजह से चावल में चावल की मात्रा बढ़ गई है।
आर्सेनिक कम हो सकता है
यह जानकर आपको पता चलेगा कि इस मेथड से निकले हुए चावल में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, लगभग 15-20 प्रतिशत तक। अगर आप चावल को नमक करके पकाते हैं तो अब इस मेथड से चावल बनाना शुरू करें। क्योंकि यह मेथड आर्सेनिक को 50 प्रतिशत तक घटा देता है। बता दें कि कई देशों में आर्सेनिक पाउडर संदूषक के तौर पर पाया जाता है। पानी में होने की वजह से कई समुद्रों में भी इसका पाया जाता है।
सही मात्रा का ध्यान रखें
चावल के साथ यह संस्था बनी हुई है कि इसमें काफी तेजी से आर्सेनिक स्टोर होने लगता है। हालाँकि इसकी वजह से आपको चावल का सेवन करने की कोई ज़रूरत नहीं है। क्योंकि चावल पकाने से आर्सेनिक हट जाता है। अगर आप रोजाना चावल का सेवन करते हैं तो इसे बनाने की प्रक्रिया और कैलोरी को लेकर ज्यादा चिंता न करें। बस इस बात का ध्यान रखें कि आपको सही मात्रा में इसका सेवन करना है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरकीबें और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित छात्र की सलाह जरूर लें।
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