[ad_1]
इस भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल और खराब क्वालिटी की वजह से इतनी जल्दी बीमारी की वजह से हमें इन चैलेंज से भी जुड़ना चाहिए। ऐसे में हम बिना समय गवाएं एल पैथी औषधि का चुनाव करते हैं। बात भी सही है एलपैथी दवा से आपको तुरंत आराम मिलता है। लेकिन बीमारी जड़वत से ख़त्म नहीं होती बल्कि बस वक्त के लिए दब जाती है। लेकिन आगे वह एक खतरनाक बीमारी के रूप में आपके सामने भी सामने आई है। तब हमें याद आता है कि जब पहली बार ऐसा हुआ था तो हमने ऐसी दवा ली थी। वहीं दूसरी ओर आज के समय में भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनमें होम्योपैथी पर आंख बंद करके विश्वास है। और वह चाहते हैं कि थोड़ा समय जरूर लगे लेकिन बीमारी एकदम जड़ से खत्म हो जाए। आपकी जानकारी के लिए बतायें कि कुछ ऐसे कौन से रोग हैं जिनके बारे में रामबाण उपचार होम्योपैथिक के पास है। इन बेचैनियों में होम्योपैथी है ऐसी शानदार विशेषता जिसकी कल्पना आप भी नहीं कर सकते। हालांकि एलोपैथी के पास भी इन दवाओं का इलाज नहीं है। डॉक्टर संजय ठाकुर ने हमें बताया कि होम्योपैथिक दवा किस तरह से असर करती है, यह आपकी बीमारी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाती है? उसके लक्षण आपके शरीर पर किस तरह से दिखाई दे रहे हैं। होम्योपैथी की भाषा में बैस्टिल को दो स्कॉरिट में बुलाया गया है। पहला एकांत और दूसरा वृत्तान्त। एक और बीमारी के अंतर्गत सर्दी-खाँसी, सर्दी आती है। इन शर्तों में अगर आप होम्योपैथिक की दवा लेते हैं तो इसका असर आपको 1 से 2 दिन के अंदर दिखेगा। गंभीर बीमारी यानी पुरानी बीमारी जैसे-लिवर, किडनी, पेट, गठिया जैसी ऐसी बीमारी जो पुरानी बीमारी से आपको परेशान कर रही है। ऐसी बीमारी पर होम्योपैथिक का असर 8-10 महीने में दिखता है। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि कई ऐसी गंभीर बीमारियों का इलाज होम्योपैथिक के पास है जो एलपैथी के पास नहीं है। बीमारीइन्फेक्सियस है या नॉन इंफेक्शियस है। साथ ही जब भी होम्योपैथी के माध्यम से किसी भी बीमारी का इलाज किया जाता है। पहले मरीज से उनकी बीमारी के संवैधानिक लक्षण पूछे जाते हैं- जैसे पूरे दिन में बार-बार खाना आता है, रात में बार-बार खाना आता है। वहीं दूसरी तरफ बीमारी का इलाज सही दिशा में हो. इसके फिल्मांकन के लिए यह भी पूछा गया है कि पहले कहीं यह बीमारी आपके घर में हो तो नहीं। परिवार में यह पहले हुआ है या नहीं आदि।
डॉक्टर संजय ठाकुर से इस पूरी बातचीत में हमने पूछा कि ऐसी भी कौन सी बीमारी है जो तेजी से दिख रही है। जिसका सामने एलोपैथी भी फेल है। तो उनका जवाब होम्योपैथी पर विश्वास करने वालों के लिए एक आशा की किरण की तरह काम करना। इनमें मुख्य है।
फैटी लिवर
माइग्रेन
जोड्स का दर्द- आर्थर
फैटी लिवर
पिल्स – फिशर
फैटी लिवर- डॉक्टर कंपनी कंपनी लिवरपूल – होम्योपैथी का इलाज मुमकीन है. सबसे पहले तो आप ब्लड टेस्ट या इमेजिंग के जरिए जान सकते हैं कि आपके लीवर की कितनी मात्रा बढ़ी है। ग्रुप लिवर को कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल और स्टाइल में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है लेकिन होम्योपैथी के पास भी ऐसी सलाह है, जिससे ग्रुप लिवर को 5-6 दिन में छूट मिल जाती है। कई बार इस बीमारी में सूजन और पेट में दर्द का अनुभव होता है लेकिन दवा के डॉक्टर और सही खानपान के बाद यह समस्या एक हद तक राहत दे जाती है। इस साइटिका का दर्द कहा जाता है. इसमें अचानक दर्द शुरू हो जाता है और पीठ में दर्द होने लगता है जो टांगों के बाहरी और सामने वाले हिस्सों तक पहुंच जाता है।
मैग्रेन: सिरदर्द के कई प्रकार होते हैं। इनमें से डिज़ायन का दर्द काफी ज्यादा खतरनाक होता है। डिज़ाक्स का दर्द बार-बार होता है। यह दर्द बेहद गंभीर होता है। अब तक पता नहीं चल पाया है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि यह एक जेनेटिक बीमारी हो सकती है। रोग के कई कारण हो सकते हैं। जैसे स्ट्रेस, हार्मोन, इनबैलेंस, शोर-श्रवा, तेज गंध, परफ्यूम, नींद पूरी तरह से न होना, मौसम में बदलाव, आदि। कैफीन और शराब का प्रयोग अधिक मात्रा में किया जाता है। ज्वाइंट में पेन के कई विकल्प हो सकते हैं। लेकिन जिस्तां पर हड्डियां जांचने लगें तो उस बीमारी को गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गठिया भी कहा जाता है। बड़े पैमाने पर जोड़ों पर वो फ़्रैंचाइज़ी होती है। और यह बीमारी बढ़ती दिख रही है। पिल्स (बवासीर), फिशर, फिस्टुला के मामलों में सबसे अच्छा विकल्प है। ऐसे कई मामले हैं जिनमें होम्योपैथिक के माध्यम से इन सब समस्याओं का समाधान किया गया है। इन सभी ऐसी बीमारियों में शामिल हैं होम पैथी के जरिए इलाज। और परिणाम ऐसे हैं कि एलोपैथी भी इसके विपरीत है।"क्या होता है जब दिमाग की चर्बी बढ़ती है? जानिए इसके कारण ब्रेन और हेमरेज से बचने का आसान उपाय" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/what-to-know-about-brain-hemorrage-2455820" लक्ष्य="_खुद">क्या होता है जब दिमाग की चर्बी खत्म हो जाती है? जानिए इसके कारण ब्रेन और हेमरेज से बचने के खास उपाय
[ad_2]
Source link