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बेतिया: जिले के वाल्मीकिनगर (Valmikinagar) गंडक बराज से नदी में 2.93 लाख क्यूसेक पानी बुधवार की सुबह छोड़ा गया है. इस मानसून सत्र में अब तक सबसे अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है. इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोले दिए गए हैं. वहीं, 2.93 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. पश्चिम चंपारण के कई गांव में बाढ़ जैसी हालात बनती जा रही है. वहीं, बगहा शहर को बचाने के लिए लोग पक्के गाइड बांध निर्माण की मांग कर रहे हैं. बाढ़ को लेकर स्थानीय लोग डरे सहमे हुए हैं.

कई गांव में बाढ़ के पानी से प्रभावित

गंडक नदी में लगातार हो रहे जलस्तर में वृद्धि के बाद बेतिया के योगापट्टी के प्रखंड के चार गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है. योगापट्टी प्रखंड के खुटवनिया-जरलपुर पंचायत के गजना, बईसिया, जरलपुर और शाही बाजार आदि गांव पानी से प्रभावित हो गया है. गांव के आस-पास पानी बढ़ने से लगभग 500 से अधिक घर टापू में तब्दील हो गया है. जरूरतमंद लोग पानी को पार कर आने जाने के लिए मजबूर हैं. लोगों को अस्पताल जाने के लिए भी सड़क नहीं है. 

डीएम ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश

ग्रामीण कमर तक पानी पार कर गांव से बाहर जा रहें हैं. गांव के लोग नाव बना कर पानी पर कर रहे हैं. वहीं, नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण तटबंधों पर निगरानी को बढ़ा दिया गया है. तटबंधों पर अधिकारी व इंजीनियरों की टीम कैंप कर रही है. आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है. इसको लेकर डीएम दिनेश राय ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं.

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Umesh Solanki

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