गडचिरोली जल प्राधिकरण के अभियंता की देखरेख में ठेकेदार के द्वारा 200 फीट का बोरवेल 40 फिट कर शासन का दिशा भूल मुलचेरा, पंचायत समिति शांतिग्रम ग्राम पंचायत के गीताली गांव में बनाई जा रही पानी टंकी और बोरवेल काम में महा भ्रष्टाचार शासन के नियम अनुसार बोरवेल 200 फीट गहराई करना था परंतु बोरवेल को केवल 40 फिट किया गया ठेकेदार एवं जल प्राधिकरण विभाग के अभियंता के देखरेख में काम किया जा रहा है पिछले 2014 में इसी प्रकार गीताली में बनाई गई पानी टंकी में भी महा भ्रष्टाचार काम किया गया शासन का लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए टंकी में से किसी को पानी नहीं मिली और आप 2023 में दोबारा मंजूर की गई 43 लाख की पानी टंकी एवं बोरवेल काम में फिर से घोटाला किया जा रहा है | 200 फीट का बोरवेल केवल 40 फिट किया गया वह भी घरगुती बोरवेल मशीन से 6 इंची का बोरवेल किया गया दिखाया गया 9 इंची ऊपर में 9 इंची का 10 फीट पाइप लगाकर उसको पूरा 9 इंच दिखाया गया इससे ज्यादा जीता जागता घोटाला और क्या चाहिए अधिकारियों को क्या इसके बाद भी अधिकारी चुप रहेंगे मौनबुद्ध रहेंगे और घोटाला को होने दिया जाएगा ? शांतिग्राम ग्राम पंचायत में केवल शासन के पैसे का अफरा तफरी और भ्रष्टाचार के सिवा कोई काम नहीं किया जाता | शासन को जानकारी देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती कारण एक ही है| जिला प्राधिकरण से लेकर जिला परिषद के अभियंता अधिकारी सभी सरपंच सचिव की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है| 43 लाख के कम मंजूर हुआ परंतु ठेकेदार के द्वारा पाइपलाइन बिछाने से लेकर सभी काम को हल्के दर्जे का किया जा रहा है| मोबाइल के माध्यम से जब ठेकेदार से पूछा गया कि अपने 40 फीट बोरवेल क्यों किया उनका तर्क था कि हमने 100 फीट कोड़े हैं 60 फीट बुझ गया है 40 से 42 फीट बचा हुआ है और उससे ज्यादा खुदा नहीं गया जबकि गांव के लोगों के सामने एवं मशीन जो बोरवेल मशीन से खोदा गया उसके मुताबिक 40 फीट से ऊपर खुदा ही नहीं गया और ठेकेदार साहब का तर्क है कि उन्होंने 100 फीट कोड़े 60 फीट बुझ गया मिट्टी गिर के पहली बार ऐसा सुना जा रहा है कि 100 फीट खोदने के बाद 60 फीट बुझ जाता है 40 फीट बचता है बोरवेल |कमल का तर्क है. ठेकेदार के चेहरे के मुताबिक की पत्थर लगने के वजह से खुदा नहीं गया अब पत्थर लगने की वजह से खुदा नहीं गया तो 60 फिट कैसे बुझ गया? ग्राम पंचायत सदस्य के बोलने के बावजूद भी माजी सरपंच के द्वारा ठेकेदार को साथ देकर भ्रुस्त काम किया जा रहा है| ग्राम पंचायत शांतिग्राम अंतर्गत घर-घर नल योजना में भी घोटाला किया गया| शांन्तिग्रम ग्राम पंचायत अंतर्गत 2014 में पानी टंकी कंप्लीट किया गया पाइपलाइन बिछाया गया | परंतु केवल एक साल ही पानी दिया गया तब से लेकर अभी तक ना कभी नल में पानी दिया गया ना ही कोई काम किया गया परंतु ग्राम पंचायत में पानी टंकी पाइपलाइन की देखरेख में अनगिनत रुपए खर्च दिखाया गया और असल में किसी भी परिवार को पानी नहीं दिया गया| पिछले 8 साल से पानी सप्लाई हुआ नहीं परंतु लाखों रुपए जल प्राधिकरण एवं ग्राम पंचायत के द्वारा खर्च किया गया असल में यह घोटाला नहीं तो और क्या है जानबूझकर प्रशासन भी मैनबोध है और ग्राम पंचायत भी घोटाले पर घोटाला किया जा रहे हैं ना कोई जांच ना कोई कार्यवाही| जो भी कम मंजूर होता है ग्राम पंचायत शांतिग्रम में ग्राम पंचायत के सरपंच सदस्यों से लेकर उनके हित संबंधित को हि काम दिया जाता है जिस कारण ग्राम पंचायत में सबसे बड़ा महाभ्रष्ट्र काम हो रहा है |और कितने भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ेगा ग्राम पंचायत शांतिग्रम पंचायत और कब तक चुप रहेगी अधिकारी क्या जानबूझकर अधिकारी भी मोन धारण करके है? क्या गडचिरोली जिला के ज्यादातर ग्राम पंचायत एक कमाई का साधन बनकर रह जाएगी ?और अधिकारी और सरपंच सदस्यों की छत्रछाया में घोटाला होती रहेगी? केंद्र सरकार बोलती है कि घर-घर शुद्ध जल सप्लाई किया जाएगा पहुंचाई जाएगी परंतु जल प्राधिकरण अगर गांव के ही तालाब के किनारे में बोरवेल करके अगर अपनी सफाई करेंगे तो शुद्ध जल कहां से मिलेगी लोगों को लोग पहले से इस क्षेत्र में किडनी प्रॉब्लम कई प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं और आप बोरवेल का पानी देकर शुद्ध जल के नाम पर जनता के साथ में खिलवाड़ ही किया जा रहा है | गडचिरोली से ब्यूरो चीफ ज्ञानेंद्र विश्वास