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MP Election 2023: चुनावी साल में मध्य प्रदेश के नेताओं के बीच तो आपसी जुबानी जंग छिड़ी हुई है, लेकिन अब यह जंग कांग्रेस नेता और अफसरों के बीच भी आ गई है. ऐसे ही एक मामले में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मप्र के सीएस इकबाल सिंह की शिकायत करने जा रहे हैं. सांसद तन्खा ने लोकायुक्त से मिलने का समय लिया है. उन्हें 28 अगस्त की दोपहर 1 बजे का समय मिला है.
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस के नेताओं और वरिष्ठ वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने लोकायुक्त से मिलने का समय मांगा है. सोमवार को दोपहर 1 बजे मिलने का समय मिला है, लोकायुक्त से मुलाकात के बाद भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को भी संबोधित करेंगे, जहां प्रमाणों सहित जानकारी दी जाएगी.
मुख्य सचिव की कार्यप्रणाली पर सवाल
आपको बता दें कि कांग्रेस लगातार मप्र के सीएस इकबाल सिंह की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है. बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सीएस इकबाल सिंह को हटाने की बात कही थी.अब राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी सीएस की शिकायत के लिए लोकायुक्त से मिलने जा रहे हैं.
कोर्ट सच ही कह रही है की “ मप्र का भगवान ही मालिक है “
बिना पढ़े कोर्ट में मुख्य सचिव महोदय आते है , ५ लाख का दंड मुख्य सचिव मान्यवर पर घोषित होता है , मगर त्याग पत्र शासन और पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड के ९ वर्ष से वकील सचिन वर्मा जी का होता है। कहा जाएगा की स्वेक्षा से दिया गया। pic.twitter.com/UMAKoGUIbl
— Vivek Tankha (@VTankha) August 21, 2023
कहां से हुई विवाद की शुरुआत
बता दें सीएस और कांग्रेस नेताओं के विवाद की शुरुआत केरवा कलियासोत डैम मामले से हुई है.डैम केस में एनजीटी ने कड़ी टिप्पणी की है. एनजीटी ने सरकार के रुख से निराशा जताते हुए कहा कि इतने अहम मामले में भी राज्य के सीएस गहराई से जांच पड़ताल किए बिना ही पक्ष रखने आ गए. एनजीटी की इस टिप्पणी के बाद ही राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर सीएस इकबाल सिंह पर निशाना साधा.उन्होंने लिखा कि कोई सच ही कह रहा है कि मप्र का भगवान ही मालिक है.मुख्य सचिव बिना पढ़े कोर्ट में आते हैं.5 लाख का दंड मुख्य सचिव पर घोषित होता है मगर त्याग पत्र शासन और पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड के वकील सचिन वर्मा का होता है.
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