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Amrit Mission Yojana in Bastar: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक अमृत मिशन योजना छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में दम तोड़ती नजर आ रही है. हालात ये हैं कि जगदलपुर शहर में 6 साल पहले शुरू हुई इस योजना पर महज 70 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है, जबकि 30 फीसदी काम अभी बाकी है. तय समय के अनुसार सितंबर माह 2019 तक अमृत मिशन का काम पूरा होना था, लेकिन जगदलपुर नगर निगम की उदासीनता के चलते यह काम बहुत धीमी गति से हो रहा है. लेटलतीफी के कारण योजना के 6 साल बाद भी शहर के 25 हजार परिवारों तक पेयजल की सुविधा अभी तक नहीं पहुंच पाई है.
इस योजना में देरी को लेकर आगामी चुनाव में बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बना रही है. बीजेपी ने नगर निगम के जनप्रतिनिधियों पर अमृत मिशन योजना के तहत केंद्र सरकार से मिले बजट को लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा रही है. अमृत मिशन योजना के तहत 25 हजार परिवारों तक 24 घंटे पेयजल की सुविधा के लिए लगभग 150 करोड़ की लागत से शहर में काम किया जा रहा है, इस काम को 4 साल पहले शुरू किया गया था. इसके तहत शहर के 48 वार्डों में अंडरग्राउंड पाइप बिछाने का काम किया गया, लेकिन कंपनी के ठेकेदार को समय पर भुगतान नहीं किए जाने से उसने लगभग 1 साल तक काम को अधूरा छोड़ दिया. इसके बाद सामान्य सभाओं में विपक्ष के हो हंगामे के बीच उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया.
योजना को जानबूझकर किया जा रहा लेट- संजय पांडे
जगदलपुर शहर में इस योजना पर काम करने के लिए दोबार 70 करोड़ की लागत से नई कंपनी को ठेका दिया गया, इसके बावजूद अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है. इस प्रोजेक्ट पर अभी 30 फीसदी काम होना बाकी है. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की योजना को जानबूझकर विलंब किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस योजना में भ्रष्टाचार की वजह से पिछली कंपनी को इससे नुकसान उठाना पड़ा है, वर्तमान में भी इस योजना में जानबूझकर लेट लतीफी की जा रही है. जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में काम पूरा हो चुका है और अन्य राज्यों में अमृत मिशन योजना का लाभ भी लोग ले रहे हैं, लेकिन जगदलपुर नगर निगम में यह योजना पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है.
दिपावली तक नगर निगम ने काम पूरा होने का दिया आश्वासन
नगर निगन को साल दर साल इस काम को पूरा करने में पसीने छूट गए, शहर के अधिकांश हिस्सों में जगह-जगह अधूरे कामों की वजह से सड़के बुरी तरह बर्बाद हो गई हैं. साल 2017 में शुरू हुए इस काम को 2020 में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन 2022 के अंत तक इस योजना को पूरा नहीं किया गया. इस योजना को पूरा करने के लिए जनवरी 2023 अगली मियाद तय की गई थी. जिसके बाद नगर निगम ने नई कंपनी को ठेका दे दिया, वहीं अब निगम के जिम्मेदार इस योजना को जल्द पूरा करने को लेकर ठेकेदार को निर्देश देने की बात कह रहे हैं. निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधि ने इस दीपावली तक शहर के 25 हजार परिवारों तक 24 घंटे पेयजल की पहुंचाने का दावा कर रहे हैं. फिलहाल जिस तरह धीमी गति से काम चल रहा है, ऐसे में ये योजना दीपावली तक पूरा होते दिखाई नहीं दे रहा है.
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