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Flood in Unnao: उत्तराखंड में बीते दिनों बारिश का कहर देखने को मिला है. पहाड़ी इलाकों में हुई लगातार बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्रों में दिख रहा है. उत्तराखंड में बांध से पानी छोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गंगा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. जिससे उन्नाव में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है और हालात यह है कि गंगा नदी अब खतरे के निशान से 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.

उन्नाव की सदर, बांगरमऊ, सफीपुर के अलावा बीघापुर तहसील में उफनाई गंगा बाढ़ का कहर बरपाने लगी है. निचले इलाकों में रहने वाले किसानों की हजारों बीघा फसल गंगा का जलस्तर बढ़ने से जलमग्न होकर बर्बाद हो गई है. गंगाघाट नगर पालिका परिषद क्षेत्र के 7 मोहल्लों में गंगा का पानी घुस गया है. जिससे कई परिवार सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं.

खतरे के निशान को पार कर गई गंगा

जानकारी के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर को पार कर इसके 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. गंगा नदी का यह रौद्र रूप हजारों बीघे में फैली फसलों को बर्बाद कर रही है. इसके साथ ही गंगा नदी का कहर कटरी के 100 से ज्यादा गांवों में दिख रहा है. जहां गंगा नदी के पानी में गांवों में बने घर डूब गए हैं. जिससे उन्नाव की गंगा कटरी में हाहाकार मचा हुआ है.

पलायन को मजबूर हुए लोग

सफीपुर क्षेत्र के कई गांवों के संपर्क मार्ग टूट कर बह गए हैं, वहीं कई मार्गों पर गंगा नदी का पानी बहते हुए सड़कों को बदहाल करते हुए आगे बढ़ रहा है. गंगा का रौद्र रूप देखककर लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. जिला प्रशासन ने गांवों की बिजली काटने के साथ ही स्कूलों को बंद कर दिया है. बाढ़ शिविर में रह रहे लोगों का दावा है कि जिला प्रशासन की तरफ से मदद बेहद कम मिल रही है.

प्रशासन से नहीं मिल रही मदद

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण सफीपुर के रामपुर, पनपथा, मरौंदा सूचित और माना बंगला समेत कई गांव टापू बन गए हैं. ज्यादातर लोग बाढ़ से बचने के लिए सड़कों पर तंबू डालकर बारिश में दिन-रात जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि जिला प्रशासन के बाढ़ राहत शिविर में मदद नहीं मिल पा रही है. वहीं DM अपूर्वा दूबे का दावा है कि राहत शिविरों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को मदद की जा रही है.

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Umesh Solanki

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