एक देश एक चुनाव कमेटी का हुआ गठन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस समिति के होंगे अध्यक्ष।
Former President Ram Nath Kovind photo Courtesy PTI
Daily-Khabar / समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार_केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है जिसमें आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ करने की परिकल्पना की गई है।
सूत्रों में बताया कि समिति इस संबंध में कानून लाने की संभावना तलाशेगी, एक संसदीय स्थाई समिति,विधि आयोग और नीति आयोग ने पहले “एक राष्ट्र एक चुनाव” प्रस्ताव की जांच की थी और इस विषय पर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
आपको बता दें सरकार में 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्य बुलाने का फैसला किया है यह ऐसी अटकल है कि सरकार इस प्रस्ताव को प्रभावित करने के लिए एक विधायक ला सकती है।
इस साल के अंत में पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और 2024 में होने वाले आम चुनाव के साथ कुछ और राज्यों में चुनाव होने हैं ऐसी अटकलें हैं कि एक राष्ट्र एक चुनाव बहुत जल्द वास्तविकता बन सकता है।
यदि एक राष्ट्र एक चुनाव लागू होता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि पूरे भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे और मतदान भी एक ही समय पर होगा।
1967 तक राज्य विधानसभा और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव होते रहे हालांकि 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिया गया और इसके बाद 1970 में लोकसभा को भंग कर दिया गया इससे राज्यों और राज्यों के लिए चुनावी कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा।
भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2014 के चुनाव घोषणा पत्र में कहा था कि वह राज्य विधानसभाओं और लोकसभा दोनों के लिए एक साथ चुनाव कराने की एक पद्धति विकसित करने की कोशिश करेगी।
दिसंबर 2022 में विधि आयोग ने देश मे एक साथ चुनाव कराने की प्रस्ताव पर राजनीतिक दलों भारत के चुनाव आयोग नौकरशाहों और अन्य विशेषज्ञों की राय मांगी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार रख चुके हैं नवंबर 2020 में पीठासीन अधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था एक राष्ट्र एक चुनाव न केवल बहस का विषय है बल्कि भारत के लिए एक आवश्यकता है भारत में हर महीने चुनाव होते हैं जिससे विकास बाधित होता है देश को इतना पैसा क्यों बर्बाद करना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करने के लिए एक संयुक्त गठबंधन पर कम कर रहे विपक्षी इंडिया गठबंधन ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।
शिवसेना यूडीटी गुट के नेता संजय रावत ने कहा देश पहले से ही एक है क्या कोई इस पर सवाल उठा रहा है “हम निष्पक्ष चुनाव की मांग करते हैं” एक राष्ट्र एक चुनाव की नहीं एक राष्ट्र एक चुनाव की यह अवधारणा ध्यान भटकने के लिए लाई जा रही है निष्पक्ष चुनाव हमारी मांग है।
समाजवादी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने ने कहा एक राष्ट्र एक चुनाव की बात पहले भी हुई थी इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए अगर सरकार सिर्फ विशेष सत्र बुलाकर फैसले पर मोहर लगाना चाहती है तो गलत बात है।
अब राष्ट्रपति कोविंद के नेतृत्व में नवगठित समिति के साथ यह उम्मीद है कि सरकार इस प्रस्ताव पर तेजी से काम करेगी।