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  • तीसरी मंजिल पर दुनिया का सबसे बड़ा इंडोर हॉल तैयार किया गया है। इसमें 7000 हजार लोग बैठ सकते हैं। इसमें छह एलईडी स्क्रीन लगाई गई है।
  • चौथी मंजिल को विंडो टू दिल्ली कहा जाता है। इस फ्लोर से कर्तव्य पथ के साथ इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के सभी गुंबद नजर आते हैं।
  • पांचवी मंजिल को तकनीकी स्टाफ के लिए तैयार किया गया है। पीछे बनी बिल्डिंग में किचन है। इसमें एक बार में 10000 हजार लोगों के लिए खाना बनाया जा सकता है।
  • इस तरह हर राज्य की छाप नजर आएगी भारत मंडपम में
  • मंडप की पहली मंजिल को भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया हैं। एमपी, राजस्थान, यूपी और दक्षिण भारत की कला को दर्शाने वाली वस्तुएं रखी गई हैं। इसके अलावा राजस्थान की बांधनी साड़ी, दक्षिण के तंजौर सिल्क समेत अलग-अलग राज्य के कपड़ों को मिलाकर एक कोलाज बनाया है।
  • दूसरी मंजिल पर बिहार की मधुबनी, मुरादाबाद की ब्रास आर्ट और आगरा के स्टोन वर्क को मिलाकर एक फ्यूजन बनाया गया है। समिट हॉल की दीवारें रेड सैंड स्टोन से बनाई हैं। यहां यूपी के भदोही से मंगाए कालीन बिछी हैं। बीच में कश्मीर के कालीन लगाई गई है। राजस्थान और गुजरात में तैयार होने वाली पेंटिंग को कपड़े पर बनाकर छत पर लगाया गया है। यहां बनी वीवीआईपी लॉबी को ‘पंच महाभूत’ के थीम पर बनाया गया है।
  • समिट हॉल में जो झूमर लगाया है, इसमें 3500 क्रिस्टल बॉल हैं। इसे चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग से मंगवाया है। इसका हर क्रिस्टल हैंडक्राफ्टेड है।
  • तीसरे माले की लॉबी वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर बनी है। दीवार पर 7 घोड़ों की आकृति भारत की सोलर पावर को दिखाती है।
  • मेहमानों का AI एंकर करेगी स्वागत

    जी20 के लिए भारत मंडपम में 26 पैनल की डिजिटल दीवार बनाई जाएगी। कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों का एआई एंकर स्वागत करेगी। एआई एंकर कॉरिडोर की थीम के बारे में भी जानकारी देगी। साथ ही इस पैनल पर भारतीय लोकतंत्र की कहानी को दिखाया जाएगा। वैदिक काल से शुरू होकर 2019 के चुनावों तक की झलक पेश की जाएगी, पैनल में टच स्क्रीन होगा, जहां पर 16 भाषाओं में ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट होगा। यहां पर 7000 साल पुरानी डांसिंग गर्ल की मूर्ति भी दिखाई जाएगी, जो लोकतंत्र के प्रतीक के तौर पर है।

    सिंधु घाटी सभ्यता का होगा वर्णन

    इन स्क्रीन पर वैदिक काल के साथ ही सम्राट अशोक, फाह्यान, मेगास्थनीज की कहीं गई बातें और उत्तरमेरुर के मंदिर पर अंकित 10वीं शताब्दी के लोकतंत्र की कहानी के अलावा कृष्णदेव राय, छत्रपति शिवाजी, भारत के संविधान बनाने की प्रक्रिया और उसकी खासियत का जिक्र भी होगा। यही नहीं इसमें सिंधु घाटी सभ्यता का वर्णन भी शामिल किया गया है।

    प्रदर्शनी में भारत की ये चीजें होंगी शामिल

    भारत मंडपम के गलियारे में भारत का हिमालय पर्वत, गंगा नदी-गोमुख से गंगासागर तक, मेघालय का लिविंग रूट पुल, हिंद महासागर और रॉयल बंगाल टाइगर को प्राकृतिक धरोहर कैटेगरी में चयन समिति ने चुना है। गलियारे में लोकतंत्र के महत्व को रेखांकित करती भारत के चारों वेदों में से सबसे प्राचीन ऋग्वेद के दसवें मंडल की एक ऋचा भी लगाई गई है। भारत अपनी धरोहर के रूप में पाणिनी की अष्टाध्यायी की मूल पांडुलिपि, योग, कुंभ मेला, वैदिक मंत्रोच्चार, चोल शासन काल की मूर्तियां, गुजरात की पाटन पटोला वस्त्र कला का प्रदर्शन को पेश कर रहा है।

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    Umesh Solanki

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