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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन।
– फोटो : ANI
विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ‘जी20’ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। इस दौरान सभी राष्ट्रध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों में सबसे ज्यादा सुरक्षा भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ही रहेगी। यूएस ‘सीक्रेट सर्विस’ के लगभग तीन सौ कमांडो दिल्ली में मौजूद हैं। दिल्ली की सड़कों पर सबसे बड़ा कारकेड (काफिला) भी अमेरिकी राष्ट्रपति का होगा। उनके कारकेड में लगभग 60 वाहन होंगे। खास बात है कि बाइडन, ‘अमेरिका’ को महफूज रखने का ‘गारंटी’ कार्ड, सदैव अपने पास रखते हैं। उन्हें बस एक क्लिक करना है। इतना करने से ही अमेरिका का दुश्मन खाक हो जाता है। वह ‘क्लिक’ सदैव राष्ट्रपति के साथ रहता है। जब वे होटल में ठहरते हैं तो वह फुटबॉलनुमा उपकरण, जिस पर क्लिक करना होता है, उनके साथ रहता है। अगर वे अपनी गाड़ी ‘बीस्ट’ में होते हैं तो भी वह उपकरण सामने रखा होता है। वे अपने विमान में होते हैं तो भी वह ‘क्लिक’ साथ रहता है।
14 वीं मंजिल पर प्रेजिडेंशियल सुइट में ठहरे हैं बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति ‘जो बाइडन’, चार सौ लोगों की टीम के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। बाइडन को आईटीसी मौर्य होटल की 14 वीं मंजिल पर स्थित प्रेजिडेंशियल सुइट में ठहराया गया है। इस होटल के करीब 400 कमरे बुक कराए गए हैं। जिस वाहन में राष्ट्रपति बाइडेन सवार होते हैं, उसे अमेरिका से दिल्ली लाया गया है। इस वाहन के बारे में कहा जाता है कि उस पर भारी हथियारों का कोई असर नहीं होता। हैंड ग्रेनेड, आईईडी या हल्का मिसाइल अटैक भी बेअसर रहता है। केमिकल अटैक और न्यूक्लियर अटैक से भी वह गाड़ी सुरक्षित रहती है। राष्ट्रपति की गाड़ी के टायर भी बुलेटप्रूफ होते हैं। कारकेड में इस तरह की कम से कम तीन गाड़ियां रहती हैं। जिस गाड़ी में राष्ट्रपति बाइडन बैठेंगे, उसमें एक फुटबॉल नुमा उपकरण लगा होता है। दरअसल, यह एक ऐसा स्विच होता है जिसका इस्तेमाल केवल राष्ट्रपति कर सकते हैं। इसे राष्ट्रपति का न्यूक्लियर स्विच भी कहते हैं। अगर उनकी गैर मौजूदगी में अमेरिका में कुछ ऐसा होता है कि उस अवस्था में न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करना जरुरी हो तो वे दुनिया के किसी भी हिस्से से ऐसा कर सकते हैं। उनकी गाड़ी में लगा सेटेलाइट फोन का लिंक सीधे अमेरिकी रक्षा विभाग यानी ‘पेंटागन’ हेडक्वार्टर से रहता है। वे उप राष्ट्रपति से बात कर सकते हैं।
‘अमेरिकी सीक्रेट सर्विस’ के पास रहता है एक ‘पैकेट’
अमेरिकी राष्ट्रपति जिस भी देश में जाते हैं तो उनके साथ डॉक्टरों का भी एक दल रहता है। सीक्रेट सर्विस की निगरानी में उसी समूह का ब्लड पैकेट कारकेड में रखा जाता है, जो राष्ट्रपति का ब्लड ग्रुप होता है। हालांकि ऐसे कितने पैकेट होते हैं, इसकी सही संख्या नहीं बताई जाती। राष्ट्रपति के साथ किसी भी तरह की विषम परिस्थिति में इस रक्त का इस्तेमाल किया जाता है। जी20 सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ करीब 60 गाड़ियों का कारकेड चलेगा।
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