अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत आए हैं। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। बैठक के दौरान बाइडन ने चंद्रयान-3 की सफलता और आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग को लेकर पीएम मोदी को बधाई दी है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने साल 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ढांचा तैयार करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। दोनों देश 2024 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने की योजना बना रहे हैं। बयान में आगे कहा गया कि भारत-अमेरिका ग्रह रक्षा पर समन्वय बढ़ाने का इरादा रखते हैं। लघु ग्रह केंद्र के माध्यम से क्षुद्रग्रह की जानकारी लगाने, ट्रैकिंग में भारत की भागीदारी के लिए अमेरिकी समर्थन शामिल है। बयान में कहा गया है कि बाहरी अंतरिक्ष खोज में हमारी साझेदारी को गहरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए संयुक्त मिशन भेजने के तौर-तरीकों, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर चर्चा शुरू कर दी है।
बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए आईआईटी काउंसिल और एएयू के प्रतिनिधित्व वाले भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया गया। आईआईटी काउंसिल और एएयू दोनों देशों के शीर्ष अनुसंधान और उच्च शिक्षा संस्थानों को एक साथ लाएगा। समझौते के कारण वैश्विक चुनौतियों, संस्थान विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई सीमाओं को बढ़ावा मिलेगा। इससे ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा।
क्वांटम एंटैगमेंट एक्सचेंज पर भी चर्चा
संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज के माध्यम से क्वांटम डोमेन में भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज अंतरराष्ट्रीय विनिमय अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक मंच है। संयुक्त बयान के अनुसार, मोदी-बाइडन ने क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम के सदस्य के रूप में एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज की भागीदारी का स्वागत किया। उन्होंने यह भी माना कि आईआईटी बॉम्बे एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ है।
ड्रोन खरीद, डब्ल्यूटीओ विवाद सहित कई क्षेत्रों पर बातचीत
इसके अलावा, बयान के अनुसार, भारत-अमेरिका ने पोल्ट्री उत्पादों पर डब्ल्यूटीओ में आखिरी व्यापार विवाद सुलझा लिया है। उन्होंने डब्ल्यूटीओ में लंबित सात विवादों को आपसी सहमति से सुलझा लिया है। विवाद सुलझाने के लिए मोदी-बाइडन ने इसकी सराहना की। उन्होंने भारत द्वारा 31 ड्रोनों की खरीद और जेट इंजनों के विकास के कारण द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को गहरा और विविधतापूर्ण करने की कसम खाई है। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने जी20 अध्यक्षता, परमाणु ऊर्जा में सहयोग, 6जी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की। भारत-अमेरिका सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार हैं। 2022-23 में द्विपक्षीय माल व्यापार 128.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जबकि, 2021-22 में यह मात्र 119.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि का स्वागत
साथ ही परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइजिंग करने के महत्व को दोहराते हुए बाइडन ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का विस्तार करने का स्वागत किया। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों फंडों के माध्यम से फंडेड पेमेंट सिक्योरिटी सिस्टम के लिए संयुक्त समर्थन भी शामिल हैं। इससे भारतीय पीएम ई-बस सेवा कार्यक्रम समेत भारत में निर्मित 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में तेजी आएगी। इसमें संबंधित चार्जिंग बुनियादी ढांचा शामिल होगा. दोनों देश ई-मोबिलिटी के लिए वर्ल्ड सप्लाई चेन में विविधता लाने में मदद करने पर सहमत हुए।
अगले पांच साल में 70 करोड़ डॉलर का निवेश
द्विपक्षीय मुलाकात में दोनों नेताओं ने एक मजबूत ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन बनाने पर जोर दिया। इसके तहत माइक्रोचिप टेक्नॉलजी इंक भारत में अपनी मौजूदगी और रिसर्च को बढ़ाने के लिए 30 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इसके अलवा अडवांस्ड माइक्रो डिवाइस ने भी भारत में अगले 5 सालों में 40 करोड़ डॉलर रुपये निवेश का एलान किया। दोनों नेताओं ने जून 2023 में अमेरिकी कंपनियों माइक्रॉन, एलएएम रिसर्च और अप्लाइड मैटेरियल्स की तरफ से किए गए एलान के क्रियान्वयन पर संतोष जताया।
मास्टर शिप मरम्मत समझौते का स्वागत
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों के रखरखाव और मरम्मत के केंद्र के रूप में भारत के उभरने और भारतीय शिपयार्ड के साथ मास्टर शिप मरम्मत समझौतों का भी स्वागत किया।इससे अमेरिकी नौसेना को मध्य-यात्रा और आकस्मिक मरम्मत के लिए अनुबंध प्रक्रिया में तेजी लाने की अनुमति मिलेगी।जैसा कि रक्षा औद्योगिक रोडमैप में परिकल्पना की गई है, दोनों देश भारत में विमानों और जहाजों के लिए रसद, मरम्मत और रखरखाव के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं।
इंड्यूस-एक्स की स्थापना का स्वागत
दोनों नेताओं ने यूएस-इंडिया डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (इंड्यूस-एक्स) की स्थापना और शुरुआत का स्वागत किया। विश्वविद्यालयों, स्टार्टअप, उद्योग और थिंक टैंक के नेटवर्क के रूप में, इंड्यूस-एक्स दोनों देशों के संबंधित उद्योगों के बीच संयुक्त रक्षा प्रौद्योगिकी नवाचार और उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी के सह-उत्पादन की सुविधा प्रदान करेगा। इंड्यूस-एक्स ने आईआईटी कानपुर में पहले अकादमी स्टार्ट-अप साझेदारी का आयोजन किया। इसमें अमेरिका के पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी हिस्सा लिया। इसमें अमेरिकी रक्षा विभाग के अंतरिक्ष बल ने भारतीय स्टार्ट-अप 114 एआई और 3 डायटेक के साथ अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान और विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियां समग्र रूप से एआई और सेमीकंडक्टर में इंजीनियर का उपयोग करके जनरल एटॉमिक्स के सह-विकास के लिए काम करते हैं।