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जो बाइडन
– फोटो : Social Media

विस्तार


अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत पर आधारित है जो दोनों देशों के बीच साझा है। राष्ट्रपति बाइडन और जी-20 के अन्य नेताओं ने रविवार को नई दिल्ली में महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जी20 समिट में शामिल होने के बाद आधिकारिक यात्रा पर वियतनाम के हनोई पहुंचे बाइडन ने महात्मा गांधी के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपनी और जी-20 नेताओं की एक तस्वीर भी पोस्ट की। स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइडन और जी-20 नेताओं का स्वागत अंगवस्त्र के साथ किया जिसकी पृष्ठभूमि में गुजरात में गांधी के साबरमती आश्रम की तस्वीर थी, जो 1917 से 1930 तक उनका घर था और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य केंद्रों में एक था।

नई दिल्ली से निकलकर वियतनाम पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति

एशिया में चीनी चुनौतियों और प्रतिस्पर्धा की काट खोजते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रविवार को वियतनाम पहुंचे। चीन के प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका जहां वियतनाम जैसे नए दोस्त बनाने में जुटा है, वहीं हनोई भी बीजिंग पर निर्भरता कम करते हुए मित्रता के नए विकल्पों की तलाश में है। भारत से रवाना होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन वियतनाम पहुंचे। उन्होंने वियतनाम की तरफ से व्यापक रणनीतिक साझेदार का दर्जा मिलने को गौरव की बात बताया। अमेरिका के अलावा वियतनाम ने चीन व रूस को ही यह दर्जा दिया है। 

बाइडन ने पीएम मोदी को उनके आतिथ्य के लिए दिया धन्यवाद

वियतनाम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ”… जी-20 में हमने बहुपक्षीय विकास, बैंक सुधार जैसे मुद्दों पर प्रगति की ताकि उन देशों तक पहुंचा जा सके जो न तो गरीब हैं और न ही अमीर। हमने एक अभूतपूर्व नई साझेदारी की है जो भारत को मध्य पूर्व और इजरायल के साथ यूरोप से रेल और शिपमेंट द्वारा ऊर्जा आपूर्ति और डिजिटल कनेक्शन के माध्यम से परिवहन से जोड़ेगी, जो उस पूरे गलियारे पर परिवर्तनकारी आर्थिक निवेश के अनकहे अवसर खोलने जा रहे हैं। हमने यूक्रेन में रूस के क्रूर और अवैध युद्ध पर भी चर्चा की है। मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व और जी-20 की मेजबानी में उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”

हम भारत से भूमध्य सागर तक एक नया रेलमार्ग बनाने जा रहे हैंः बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ”… भारत में हमने जो चीजें कीं, उनमें से एक, हमें एक नया रास्ता प्रदान करेगा, यह हर किसी के पैसे बचाने जा रहा है, वैश्विक दक्षिण की बढ़ने की क्षमता में वृद्धि करने जा रहा है, हम भारत से भूमध्य सागर तक एक नया रेलमार्ग बनाने जा रहे हैं। यूरोप के माध्यम से भूमध्य सागर में शिपिंग लेन और पाइपलाइन बनेगा ग्रेट ब्रिटेन और उससे आगे तक जाएगा। यह सब आर्थिक विकास के लिए है। इसका चीन को चोट पहुंचाने या चीन की मदद करने से कोई लेना-देना नहीं है। इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से लेकर यह सुनिश्चित करने तक है कि ये देश आर्थिक रूप से सफल हो सकें और आगे बढ़ सकें।”

भारत अमेरिका या वियतनाम अमेरिका संबंध चीन को रोकने के लिए नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ”… अब जो चीजें चल रही हैं, उनमें से एक यह है कि चीन व्यापार और अन्य मुद्दों के संदर्भ में खेल के कुछ नियमों को बदलना शुरू कर रहा है… मैं चीन को रोकना नहीं चाहता। मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि चीन के साथ हमारे संबंध ऐसे हों जो सिर्फ और सिर्फ सकारात्मक हों। और ऐसा करने के तरीकों में से एक यह है कि आप सुनिश्चित करें कि हम एक ही चीजों के बारे में बात करें।  मुझे लगता है कि हमने जो चीजें की हैं, उनमें से एक यह है कि हमारे पास स्थिरता बनाए रखने के लिए दुनिया भर में गठबंधनों को मजबूत करने का अवसर है। यही वह यात्रा है जिसमें भारत का अमेरिका के साथ अधिक सहयोग करना, अमेरिका के साथ अधिक घनिष्ठ होना, वियतनाम का अमेरिका के साथ घनिष्ठ होना शामिल है। यह चीन को रोकने के बारे में नहीं है। यह हिंद-प्रशांत में एक स्थिर आधार तैयार करने के बारे में है।”

अमेरिका चाहता है चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करेः बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ”… जब मैं राष्ट्रपति शी के साथ कर रहा था, तो उन्होंने पूछा कि हम क्वाड (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका) में क्यों हैं। मैंने कहा यह स्थिरता बनाए रखने के लिए है। यह चीन को अलग-थलग करने के लिए नहीं है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सड़क, हवाई क्षेत्र, समुद्र  और अंतरिक्ष रह जगह अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाता है या नहीं। मुझे लगता है कि चीन के राष्ट्रपति शी को अभी कुछ मुश्किलें हैं। चीन के पास कठिनाईयां हैं, उनके पास कुछ आर्थिक कठिनाइयां हैं, वह अपने तरीके से काम कर रहे हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा मैं चीन को आर्थिक रूप से सफल होते देखना चाहता हूं, लेकिन मैं उसे नियमों के अनुसार सफल होते देखना चाहता हूं।”

हनोई में राष्ट्रपति भवन के बाहर हुआ बाइडन का समारोहपूर्वक स्वागत

हनोई में राष्ट्रपति भवन के बाहर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का समारोहपूर्वक स्वागत हुआ। पंक्तियों में खड़े छोटे-छोटे बच्चे अमेरिका व वियतनाम के झंडे लहराते हुए बाइडन का स्वागत कर रहे थे, वहीं सेना ने मार्च पास्ट करके उनका इस्तकबाल किया। अपनी खास लिमोजिन कार में बैठकर कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय में महासचिव गुयेन फु ट्रंग से मुलाकात के लिए रवाना होने से पहले बाइडन ने हाथ हिलाकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

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Umesh Solanki

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