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Canada: कनाडा की संसद ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में एक पूर्व नाजी सैनिक का सम्मान करने पर बवाल मचा हुआ है. दुनिया भर से कनाडा सरकार को नाजी सैनिक को सम्मानित करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. विवाद को बढ़ता देख सदन के स्पीकर एंथनी रोटा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अब यूरोपीय देश पोलैंड इसी शख्स (पूर्व नाजी सैनिक ) के प्रत्यर्पण की मांग की है. 

दरअसल, कनाडा की संसद में जिस शख्स के लिए तालियां बजे गई और जिसे सम्मानित किया गया. उस शख्स का नाम यारोस्लाव हुंका है. यह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ कनाडा की संसद में मौजूद था.  इस दौरान जेलेंस्की ने कनाडा की संसद को संबोधित भी किया. जेलेंस्की के संसद में संबोधन के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध का हिस्सा रहे एक पूर्व सैनिक यारोस्लोव हुंका को यूक्रेनी नायक के तौर पर सम्मानित किया गया.लेकिन बाद में पता चला कि हुंका हिटलर के शासनकाल के दौरान यहूदियों का कत्लेआम किया करता था. हुंका ने हिटलर की नाजी सेना में भी अपने सेवाएं दी थीं. यह खबर सामने आने के बाद ही बवाल बढ़ता चला गया.  

संभावित प्रत्यर्पण की दिशा में उठाए गए कदम 

अब पोलैंड में अधिकारी पूर्व नाजी सैनिक यारोस्लाव हुंका के प्रत्यर्पण की संभावनाएं तलाश रहे हैं. पोलैंड के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि उन्होंने हुंका के पोलैंड प्रत्यर्पण के लिए “कदम उठाए हैं”.पोलैंड के मंत्री प्रेजेमीसॉव जारनेक ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि ‘कनाडाई संसद में एक निंदनीय घटना देखी गई.  इसमें आपराधिक नाजी एसएस गैलिजियन के सदस्य को राष्ट्रपति जेलेंस्की की उपस्थिति में सम्मान दिया गया. मैंने इस व्यक्ति के पोलैंड में संभावित प्रत्यर्पण की दिशा में कदम उठाए हैं.’

जस्टिन ट्रूडो ने भी बताया घटना को शर्मनाक 

इससे पहले मामले को तूल पकड़ता देख कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस घटना को बेहद शर्मनाक बताया. ट्रूडो ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों के लिए कथित तौर पर लड़ने वाले यूक्रेन के एक पूर्व सैनिक का कीव के नेता की यात्रा के दौरान खड़े होकर अभिवादन करना शर्मनाक और असहनीय है. इस तरह की घटना को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है.

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Umesh Solanki

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