[ad_1]
Center On Child Sexual Abuse: केंद्र सरकार ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को बाल यौन शोषण से जुड़े कंटेंट को लेकर बड़ी कार्रवाई की. सरकार ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पहले ट्विटर), यूट्यूब और टेलीग्राम को देश में अपने प्लेटफॉर्म से बाल यौन शोषण संबंधी कंटेंट हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ”सोशल मीडिया कंपनियां तुरंत कार्रवाई नहीं करती हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका संरक्षण वापस ले लिया जाएगा. इसका अर्थ है कि इन मंचों के खिलाफ लागू होने वाले कानून और नियमों के तहत सीधे मुकदमा चलाया जा सकता है, भले ही कंटेंट उन्होंने अपलोड किया या हो नहीं.
राजीव चंद्रशेखर ने क्या कहा?
चंद्रशेखर ने कहा, ”हमने एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस भेजे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके मंचों पर कोई भी बाल यौन शोषण सामग्री न हो. सरकार सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’’
नोटिस में क्या है?
नोटिस में कहा गया है, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस जारी किये हैं. इसमें उन्हें भारतीय इंटरनेट पर अपने मंचों से बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) हटाने की चेतावनी दी गई है.’’
बयान में कहा गया है, ‘‘इन सोशल मीडिया मंचों को दिए गए नोटिस उनके मंचों पर किसी भी सीएसएएम को जल्द हटाने या उन तक पहुंच को अक्षम करने के महत्व पर जोर देते हैं.’
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000, सीएसएएम सहित अश्लील सामग्री के खिलाफ कानूनी ढांचा प्रदान करता है. बयान में कहा गया है कि आईटी अधिनियम की धाराएं- 66ई, 67, 67ए और 67बी अश्लील सामग्रियों के ऑनलाइन प्रसारण के लिए कड़े दंड और जुर्माने के प्रावधान करती हैं.
इनपुट भाषा से भी.
ये भी पढ़ें- कौन है महिलाओं के साथ रेप का आरोपी कॉमेडियन रसेल ब्रांड?
[ad_2]
Source link