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इस्राइल-हमास हमला।
– फोटो : Social Media

विस्तार


इस्राइल और आतंकी संगठन हमास के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ गया है। शनिवार सुबह सबसे पहले हमास ने गाजा पट्टी से इस्राइल में दनानादन रॉकेट हमले किए। हमास के आतंकियों ने सिर्फ 20 मिनट में ही इस्राइल में 5000 मिसाइलें दाग दीं। इस्राइली शहरों को निशाना बनाया गया। हमलों में कई लोगों की मौत हो गई। इसके बाद इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक्टिव मोड में आ गए। उन्होंने कहा कि हमास के लड़ाकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। नेतन्याहू ने इसे युद्ध करार दिया है। फिलिस्तीन ने दावा किया है कि अब तक 198 लोगों की मौत हो चुकी है।

यह पहला मौका नहीं है, जब इस्राइल और फिलिस्तीन आमने-सामने आए हैं। इससे पहले भी कई बार दोनों के बीच टकराव होता रहा है। टकराव के कारण कई लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के अनुसार, इस्राइल और फिलिस्तीन जब-जब आमने-सामने आए हैं, तब-तब नुसकान फिलिस्तीन का ही हुआ है। सिर्फ नुकसान ही नहीं, भीषण नुकसान। आज हम आपको बताते हैं, क्या कहते हैं आंकड़े…

यह आंकड़े साल 2008 से साल 2020 तक के हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले 13 साल में दोनों देशों के बीच हुई जंग में कुल 1.25,873 लोगों की मौत/घायल हुए हैं। 1,25,873 मृतकों/घायलों में से 5,887 मृतक/घायल इस्राइली नागरिक हैं तो वहीं, 1,19,986 मृतक/घायल फिलिस्तीनी नागरिक हैं।

ताजा संघर्ष की वजह क्या है?

हमास के प्रवक्ता खालिद कादोमी ने समाचार वेबसाइट अल जजीरा को बताया है कि यह हमला उन सभी अत्याचारों का जवाब है जो फिलिस्तीनी नागरिक दशकों से सहते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गाजा में अत्याचार रोके। फिलिस्तीनी लोगों पर अत्याचार बंद हो। अल-अक्सा जैसे हमारे पवित्र स्थल को अतिक्रमण से मुक्त किया जाए। टेलीग्राम पर किए एक पोस्ट में हमास ने अरब और इस्लामिक देशों से इस लड़ाई में साथ देने का अह्वान भी किया है। 

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Umesh Solanki

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