[ad_1]
MP Congress Candidate List 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार (19 अक्टूबर) देर रात अपनी दूसरी और आखिरी सूची जारी कर दी. दूसरी सूची के 88 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया गया जिनमें तीन ऐसी सीटें भी शामिल थीं जिन पर पहली लिस्ट के घोषित उम्मीदवार बदले गए. सवाल उठ रहे हैं कि इन तीनों सीटों पर उम्मीदवार क्यों बदले गए?
कांग्रेस ने गोटेगांव सीट से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का टिकट काटने के बाद अपना फैसला पलटा. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की सीट दतिया में भी कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलते हुए राजेंद्र भारती को टिकट दिया है. इसी तरह पिछोर सीट से अरविंद सिंह लोधी को टिकट दिया गया है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने सर्वे के आधार पर टिकटों का एलान किया. 144 सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद भी सर्वे कराए गए. इसमें तीन सीटों पर उम्मीदवार बदलने की जरूरत महसूस हुई.
1. बदली गई सीटों में सबसे प्रमुख रही गोटेगांव जहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को फिर से मौका दिया गया जबकि पहली लिस्ट में इस सीट से शेखर चौधरी को टिकट दिया गया था. टिकट कटने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि दलित समाज से आने वाले वरिष्ठ नेता एनपी प्रजापति कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं. ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस ने अपना फैसला बदला.
2. दतिया सीट पर पिछली बार बेहद कम अंतर से चूक गए उम्मीदवार राजेंद्र भारती को एक और मौका देने का फैसला किया गया. कुछ महीनों पहले ही अवधेश नायक को कमलनाथ बीजेपी से कांग्रेस में लाए थे. हालांकि नायक की उम्मीदवारी के एलान के बाद कांग्रेस के सर्वे में पाया गया कि सहानुभूति भारती की तरफ है.
3. सबसे दिलचस्प बदलाव पिछोर सीट पर किया गया जहां जातीय समीकरण साधने के लिए राजपूत की जगह लोधी नेता को उतारा गया. दरअसल पिछोर सीट से छह बार के विधायक केपी सिंह को कांग्रेस ने इस बार शिवपुरी से टिकट दिया है. सूत्रों में मुताबिक कांग्रेस का अनुमान है कि शिवपुरी से बीजेपी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लड़ा सकती है. इसलिए कांग्रेस ने सिंधिया के सामने मजबूत नेता पहले ही उतार दिया है.
कांग्रेस ने पिछोर से केपी सिंह के करीबी शैलेंद्र सिंह को टिकट दिया लेकिन बाद में जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवार बदल दिया. नए उम्मीदवार अरविंद सिंह लोधी भी केपी सिंह के करीबी हैं.
दिलचस्प बात यह है कि यदि शिवपुरी से सिंधिया नहीं उतरे तो फिर केपी सिंह अपनी पारंपरिक सीट पिछोर जा सकते हैं और ऐसे में शिवपुरी से वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट मिल सकता है. बीते दिनों एक वायरल विडियो में कमलनाथ जिस नेता से “दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने” की सलाह देते नजर आए थे वो वीरेंद्र रघुवंशी ही हैं.
एक सीट पर ऐलान क्यों नहीं?
वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी जिले की ही कोलारस सीट से विधायक हैं लेकिन वो शिवपुरी सीट से टिकट की उम्मीद में बीजेपी छोड़ कांग्रेस आए हैं. पिछोर, कोलारस और शिवपुरी तीनों सीटें शिवपुरी जिले में आती है.
कांग्रेस अब तक 229 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है. बैतूल जिले की आमला सीट विचाराधीन है क्योंकि वहां से पार्टी प्रशासनिक अधिकारी निशा बांगरे को उतराना चाहती है लेकिन अब तक बांगरे का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.
[ad_2]
Source link