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Chandra Grahan 2023: साल 2023 का अंतिम चंद्रग्रहण लग रहा है. ग्रहण काल मे सभी मंदिरों के गर्भगृह के पट बंद रखे जाएंगे, जो कि देर रात ग्रहण खत्म होने के पश्चात अगले दिन सुबह ही खोले जाएंगे. इस बीच मंदिर परिसरों में श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था भी बाधित रहेगी. हालांकि पूरे देशभर के मंदिरों की इस परंपरा से इतर मध्यप्रदेश के खंडवा का एक मंदिर ऐसा भी है जहां किसी तरह के ग्रहण का कोई असर नही पड़ता, चाहे देश भर में सूर्य ग्रहण लग रहा हो या चंद्रग्रहण. यहां के प्रसिद्ध श्री दादाजी धाम मंदिर में रोजाना की तरह ही नैवेद्ध चढ़ाया जाएगा, तो वहीं रोजाना की तरह ही आरती के साथ ही भक्तों के लिए दर्शन व्यवस्था सुचारू रहेगी .

खंडवा के दादाजी वार्ड में श्री दादाजी धाम मंदिर स्थित है, जोकि देशभर में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यहां बड़े दादाजी महाराज सहित छोटे दादाजी महाराज की समाधि स्थल है जोकि भक्तों की आस्था का केंद्र है. दादाजी के भक्तों के लिए यह मंदिर चौबीस घंटे और सातों दिन खुला रहता है. खंडवा के इस मंदिर की खास बात यह है कि यह देशभर में इकलौता ऐसा मंदिर है जोकि ग्रहण काल में भी इसी तरह श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है जैसे आम दिनों में इस मंदिर में किसी भी ग्रहण के प्रभाव को नहीं माना जाता है और यहां ग्रहण काल में भी श्रद्धालु आम दिनों की तरह ही दर्शन करने पहुंचते है. बता दें कि, शनिवार शाम 4:05 बजे से सूतक काल लग गया है. इस दौरान देर रात करीब 01:05 बजे से चन्द्र ग्रहण शुरू होगा, जोकि रात 02:23 बजे तक समाप्त होगा.

विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर
श्री दादाजी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी सुभाष नागोरी के अनुसार दादाजी के समय से ही यहां किसी भी तरह के ग्रहण या दोष का प्रभाव नहीं माना जाता रहा है. विश्व में यह एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां ग्रहण के दौरान भी हवन–पूजन इत्यादि होता है और श्रद्धालु दर्शन करने आते रहते है. इस मंदिर के पट कभी भी बंद नहीं होते हैं, केवल सेवाकाल के दौरान ही समाधियो पर प्रवेश बंद होता है, लेकिन उस बीच भी दर्शन किए जा सकते है. यहां शनिवार को शरद पूर्णिमा होने के चलते दादाजी को दूध का भोग लगाकर अमृतयुक्त प्रसादी सभी को वितरित की जाएगी. 

बंद रहेंगे बाकी मंदिरों के पट
वहीं खंडवा के ही श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के पुजारी पंडित लक्ष्मीदास दाधीच ने बताया कि मध्यप्रदेश में लगभग सभी मंदिर इस दौरान बंद रहेंगे, जहां दर्शन प्रतिबंधित होंगे. चंद्रग्रहण आज होना है, जिसके कारण मंदिर के पट बंद हो चुके हैं, जो अब कल सुबह ही खुलेंगे. उनके अनुसार ग्रहणकाल के दौरान खाने–पीने की वस्तुओं में तुलसी की पत्तियां डाल देनी चाहिए. साथ ही जो लोग यज्ञोपवीत धारण करते हैं, उन्हें अगले दिन सुबह स्नान के उपरांत अनिवार्य रूप से यज्ञोपवीत बदल लेना चाहिए.

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Umesh Solanki

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