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Benjamin Netanyahu
– फोटो : Social Media

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इस्राइल हमास युद्ध के बीच पिछले कई दिनों से युद्ध जारी है, जिसमें अब तक नौ हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, इस्राइल के प्रधानमंत्री ने युद्धविराम को लेकर देश की स्थिति स्पष्ट की है। प्रधानमंत्री का कहना है कि वे अमेरिका के 9/11 हमले की तरह युद्धविराम के लिए सहमत नहीं होंगे क्योंकि यह आत्मसमर्पण की तरह है।

इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं युद्धविराम को लेकर इस्राइल की स्थिति साफ करना चाहता हूं। इस्राइल सात अक्तूबर को शुरू हुए युद्ध के लिए युद्धविराम की घोषणा नहीं कर सकता। युद्धविराम का आह्वान करना इस्राइल के लिए हमास के सामने आत्मसमर्पण जैसा है। आतंक के सामने आत्मसमर्पण जैसा है। बर्बरता के सामने आत्मसमर्पण जैसा है। बाइबिल में कहा गया है कि यह शांति का समय भी है और युद्ध का समय भी है।

नेतन्याहू- आतंकियों का लक्ष्य तय है

नेतन्याहू ने आगे कहा कि अब यह समय है कि लोगों को तय करना होगा कि वह भविष्य के लिए लड़ने को तैयार हैं या अत्याचार और आतंक के सामने आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। हमास ने सात अक्तूबर को जो किया, वह हमें याद दिलाती है कि हम बेहतर भविष्य को बचा नहीं पाएंगे, जब तक बर्बर लोगों से लड़ें न। बर्बर लोगों का लक्ष्य साफ है कि वह हमारे भविष्य को मिटा दें। हमारे सपनों को चकनाचूर कर दें। उन्होंने कहा कि इस्राइल ने युद्ध शुरू नहीं किया। हम युद्ध नहीं चाहते हैं। लेकिन हम यह युद्ध जीतेंगे।

हमास के आतंकियों ने कहर बरपाया

इस्राइली पीएम ने कहा कि हमास की फंडिग के पीछे ईरान की अहम भूमिका है। हमास ने छोटे-छोटे बच्चों को मां से छीन लिया। हमास के आतंकियों ने लोगों को जिंदा जला दिया। महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। आदमियों का सिर काट दिया। यहूदियों का नरसंहार किया। बच्चों का अपहरण किया। इस्राइल सभ्यता के दुश्मनों से ही लड़ रहा है। यह अच्छाई बुराई का युद्ध है।

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Umesh Solanki

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