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बीड में आगजनी
– फोटो : Social media
विस्तार
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने की मांग के समर्थन में बीड जिले के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन की आग भड़क उठी है। इसी सिलसिले में गेवराई विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण पवार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण का मुद्दा वर्षों से लंबित है, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र भेजा गया है, इसमें कहा गया है, “मराठा कोटा मुद्दा कई वर्षों से लंबित है। मैं मराठा समुदाय की मांग को अपना समर्थन देता हूं। इस मुद्दे का समर्थन करने के लिए, मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं।” भाजपा राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, जहां राकांपा (अजित पवार गुट) भी एक घटक है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और फडणवीस के बीच हुई बैठक
राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार शाम को मराठा आरक्षण पर बैठक की। यह बैठक मुंबई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आधिकारिक आवास पर हुई। हालांकि, इस बैठक को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं गई है। लेकिन सोमवार रात को बैठक के बाद फडणवीस को मुख्यमंत्री शिंदे के आवास से निकलते हुए देखा गया।
बड़े पैमाने पर देखी गई हिंसा
लक्ष्मण पवार का फैसला महाराष्ट्र के नासिक और हिंगोली से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दोनों वफादारों, शिवसेना सांसदों के मराठा आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने के बाद आया है। कार्यकर्ता मनोज जारंगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय के सदस्यों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए दबाव बनाने के लिए आंदोलन का एक नया दौर शुरू किया है। जारांगे 25 अक्तूबर से जालना जिले के एक गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। सोमवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बीड जिले में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई।
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