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Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ इलाकों में मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों के तरफ से कुछ राजनीतिक नेताओं के घरों या कार्यालयों को निशाना बनाने के एक दिन बाद पुलिस ने मंत्रालय, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अन्य राजनीतिक नेताओं के आवास के साथ-साथ राजनीतिक दलों के दफ्तरों की सुरक्षा बढ़ा दी है. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को तीन विधायकों-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो और बीजेपी (BJP) के एक के घरों या कार्यालयों में आग लगा दी थी.
उनमें तोड़फोड़ की और एक नगर परिषद भवन को निशाना बनाया. सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं और आगजनी बीड जिले में हुई. जहां मराठा आंदोलनकारियों ने एनसीपी नेता प्रकाश सोलंके के घर को फूंक दिया. तो वहीं लोगों के एक समूह ने सोमवार रात जालना के घनसावंगी में पंचायत समिति कार्यालय में भी आग लगा दी.
पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया
मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पुणे शहर में मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग को रोख दिया और टायर जलाए. अधिकारियों ने सोमवार शाम को बीड जिले के कुछ हिस्सों और धाराशिव जिले में भी कर्फ्यू लगा दिया. एक अधिकारी ने कहा, “ राज्य में कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाओं को देखते हुए, मुंबई पुलिस ने दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के बाहर अपने कर्मियों की भारी तैनाती की है, क्योंकि आज कैबिनेट बैठक निर्धारित थी.’
उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई के सभी महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और विभाग अलर्ट मोड पर है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ठाणे के लुइस वाडी स्थित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निजी आवास के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि मुंबई में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित पवार, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, दीपक केसरकर, दादा भुसे और अंबादास दानवे और अशोक चव्हाण सहित अन्य नेताओं के आधिकारिक आवासों के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी राजनीतिक नेताओं के आवासों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ दक्षिण मुंबई में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, उद्धव ठाकरे अगुवाई वाली शिवसेना का धड़ा, अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित राजनीतिक दलों के कार्यालयों के बाहर पुलिस की भारी तैनाती है.”
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