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Allahabad High Court News: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनको इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल थी. इसको जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए खारिज कर दिया. 

साल 2022 में दर्ज हुआ था मुकदमा

दरअसल उनके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता वकार अली ने 2022 में मुकदमा दर्ज कराया था. वकार ने 19 सितंबर 2022 को रामपुर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था.  सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम आईपीसी धारा 120 और 409 के तहत मामला दर्ज करवाया गया. 

आजम खान पर क्या है आरोप?

सपा नेता आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने नगर पालिका रामपुर में सफाई के लिए खरीदी गई मशीनों को जौहर विश्वविद्यालय में मंगा लिया. इन मशीनों को पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खान से सांठगांठ कर जौहर यूनिवर्सिटी में लगवा दिया. बाद में यह मशीनें गायब करवा दी गईं. हालांकि बाद में यह मशीनें जौहर यूनिवर्सिटी में जमीन के नीचे मिली थी.

इस मुकदमे में मोहम्मद आजम खां के अलावा बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खान, सुल्तान मोहम्मद खान, अनवर हुसैन, सालिम, तालिब और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए आजम खान ने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी.  जिसको इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया.

सीतापुर जेल में बंद हैं आजम खान

बता दें कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान वर्तमान में सीतापुर की जेल में बंद हैं. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनके बेटे और उनकी पत्नी को कोर्ट ने सात-सात साल की सजा सुनाई थी.

ये भी पढ़ें: UP Politics: ‘अखिलेश यादव ने आजम खान को जेल भिजवाने का किया इंतजाम’ ओम प्रकाश राजभर का गंभीर आरोप

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Umesh Solanki

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