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Elon Musk-George Soros
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
अरबपति कारोबारी और ‘एक्स’ के मालिक एलन मस्क मानते हैं कि जॉर्ज सोरोस को मानवता से नफरत है। मस्क कहते हैं कि सोरोस, अमेरिका में ऐसे नेताओं को समर्थन और मदद दे रहे हैं, जो हिंसक अपराधों के खिलाफ नर्म रुख रखते हैं। द जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट पर चर्चा में मस्क ने कहा कि जो सोरोस के स्थापित किए हुए अधिकारियों और नेताओं ने कई अमेरिकी शहरों के माहौल को बेहद असुरक्षित बना दिया है।
मस्क कहते हैं कि जॉर्ज सोरोस ऐसे काम कर रहे हैं, जिससे समाज का ताना-बाना तबाह हो रहा है। उनकी करतूतों से सिर्फ सान फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलिस में ही समस्या नहीं हो रही, बल्कि वे दूसरे देशों में भी दखल दे रहे हैं। मस्क कहते हैं कि सोरोस दिखाने के लिए मानवाधिकार और कथित प्रगतिशील गैर-सरकारी संगठनों की मदद करते हैं, लेकिन असल में वे अपने लाभ के लिए लोगों का इस्तेमाल कर रहे होते हैं।
मस्क कहते हैं कि दुनिया में कम ही लोग हैं, जो यह जानते हैं कि मध्यस्थता के जरिये पैसा कमाया जा सकता है। सोरोस यही करते हैं। पहले वे उन संस्थाओं को वित्त पोषित करते हैं, जो वोक माइंड वायरस से जुड़ी समस्याएं खड़ी करते हैं, फिर मध्यस्थता के जरिये लाभ कमाते हैं। सोरोस ने सबसे बड़ी कमाई ब्रिटिश पाउंड की शॉर्ट सेल से की।
निचले स्तर के लोगों को खेमे में लेते हैं…
मस्क ने कहा, सोरोस जानते हैं कि उन्हें काम निकालने के लिए कानून बदलने की जरूरत नहीं है, बल्कि कानून लागू किस तरीके से हो रहे हैं, उन्हें बदलने की जरूरत है। इसलिए वे निचले स्तर पर लोगों को अपने खेमे में लेते हैं और कानूनों को अपने मुताबिक लागू करवाते हुए लाभ लेते हैं।
क्या है वोक माइंड वायरस
यह असल में एक विकृत मानसिकता है। कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए कुतर्क आधारित मुद्दों को तूल देते हैं। जबकि, असल में वे मुद्दे प्रासंगिक नहीं होते हैं। मिसाल के तौर पर अंतरिक्ष विज्ञानी ब्लैक होल को लेकर चर्चा कर रहे हैं। लेकिन, कोई ब्लैक होल को नस्लवाद से जोड़ दे और कहे कि ब्लैक होल की अवधारणा ब्लैक समुदाय के खिलाफ है।
जॉर्ज सोरोस का भारत के किसान आंदोलन से रिश्ता
जॉर्ज सोरोस अरबपति कारोबारी हैं और ओपन सोसायटी फाउंडेशन चलाते हैं। यह फाउंडेशन दुनियाभर में मानवाधिकार कथित प्रगतिशीलता से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले लोगों व संगठनों को आर्थिक मदद देता है। भारत में हुए किसान आंदोलन में भी जॉर्ज सोरोस का हाथ होने का आरोप लगा था। इसी साल फरवरी में सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान दिया था। इसके अलावा जब अदाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई, तो सोरोस ने कहा था कि अदाणी पर आए संकट से नरेंद्र मोदी कमजोर होंगे और इससे भारत में लोकतांत्रिक पुनरुद्धार का दरवाजा खुलेगा।
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