मुलचेरा महसूल अंर्तगत शांतिग्राम के सर्वे नो 11व 19 कबिलकास्त जमीन पर विकास आदित्यनाथ घरामी के द्वारा पटवारी के संगमत से राष्ट्रीय राजमार्ग के करोड़ों की जमीन बोगस तरीके से पटवारी को साठ गांठ से पहले 1/12 तयार किया परंतु शासन के पास शिकायत के बाद जमीन सरकार जमा हो गई। परंतु पटवारी की साठ गांठ से दुबारा जमीन पर 2019 में दुबारा अतिक्रम की गई। अब अतिक्रमण धारी विकाश घरामि के द्वारा सर्वे नो 11और 19 पर ढाबा लगाकर परमानेंट कब्जा की काम सुरु की हैं। लगातार तहशीदार जिलाधिकारी साहेब के पास लिखित शिकायत के बाद भी पटवारी से लेकर तहसीलदार जिलाधिकारी के अधिकारी कुंभकर की नींद में हैं। आखिर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को बड़ावा क्यों दी जा रही हैं? आखिर प्रशासन के अधिकारी की मिलीभगत क्यों दिखाई देती हैं हर एक अतिक्रमण पर? कब जागेगी नींद से मूलचेरा महसूल अधिकारी?
गढ़चिरौली से ब्यूरो चिप ज्ञानेंद्र बिस्वास