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– फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar

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देशभर में ‘पुरानी पेंशन बहाली’ को लेकर सरकारी कर्मियों की मुहिम चल रही है। केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन पर निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार में 15 लाख कर्मियों की संख्या वाले दो बड़े महकमे, रेलवे और डिफेंस (सिविल) में सोमवार को ‘पुरानी पेंशन’ की मांग पर राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने के लिए वोटिंग कराई गई। अगर कर्मचारियों का दो तिहाई बहुमत, अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में हुआ, तो बहुत जल्द देश में रेल थम जाएंगी, आयुद्ध कारखाने, जो अब निगमों में तब्दील हो चुके हैं, वहां पर काम बंद हो जाएगा। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के अनेक दूसरे विभागों में भी हड़ताल होगी। 20 और 21 नवंबर को 400 डिफेंस यूनिट, 7349 रेलवे स्टेशन, मंडल व जोनल दफ्तर, 42 रेलवे वर्कशॉप और सात रेलवे प्रोडेक्शन यूनिटों पर स्ट्राइक बैलेट के तहत वोट डाले जा रहे हैं।

मंगलवार को भी जारी रहेगा स्ट्राइक बैलेट

ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के बारे में रेलवे और डिफेंस के कर्मियों का मत जानने के लिए 20 और 21 नवंबर को स्ट्राइक बैलेट की मुहिम शुरू की गई है। रेलवे के 11 लाख कर्मचारी तो वहीं रक्षा क्षेत्र ‘सिविल’ के चार लाख कर्मचारी मतदान में हिस्सा ले रहे हैं। अगर दो तिहायी बहुमत, हड़ताल के पक्ष में होता है तो देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। अगर हड़ताल होती है तो उसमें केंद्र सरकार के सभी सिविल महकमों के अलावा राज्यों के कर्मचारी संगठन भी शामिल होंगे। सोमवार को मतदान के चलते कर्मचारियों की लंबी कतारें देखी गईं। रेलवे स्टेशनों और रक्षा प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। स्ट्राइक बैलेट, मंगलवार को भी जारी रहेगा।

शीर्ष बॉडी की बैठक में होगा निर्णय …

सी. श्रीकुमार के मुताबिक, पुरानी पेंशन के लिए 20 और 21 नवंबर को स्ट्राइक बैलेट कराया जा रहा है। भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन, मंडल और दूसरी यूनिटों में दो दिन तक वोट डाले जाएंगे। करीब 11 लाख कर्मचारी इस मतदान में हिस्सा लेंगे। रेलवे कर्मियों ने ‘ओपीएस’ पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पक्ष में अपनी क्या राय दी है, वह नतीजा दो तीन दिन बाद घोषित किया जाएगा। इसी तरह से डिफेंस इंडस्ट्री के चार लाख कर्मचारी भी स्ट्राइक बैलेट में हिस्सा ले रहे हैं। चूंकि केंद्र सरकार के ये विभाग इंडस्ट्री के तहत आते हैं, इसलिए नियमानुसार इनमें वोटिंग कराना जरूरी है। डीआरडीओ की लैब, आयुद्ध कारखाने और दूसरी रक्षा इकाइयों के कर्मचारी, स्ट्राइक बैलेट में अपना पक्ष रख रहे हैं। रक्षा क्षेत्र की यूनिटों के स्ट्राइक बैलेट का परिणाम 21 नवंबर की शाम तक आ जाएगा। रेलवे का परिणाम, दो तीन दिन बाद मिलेगा। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारी संगठनों की शीर्ष बॉडी की बैठक होगी। उसमें स्ट्राइक बैलेट के नतीजों पर चर्चा होगी। अगर स्ट्राइक के पक्ष में दो तिहाई कर्मचारी हुए, तो राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी जाएगी। खास बात है कि इस हड़ताल में विभिन्न राज्यों के शिक्षक एवं दूसरे कर्मचारी भी हिस्सा लेंगे। कठोर निर्णय होने की स्थिति में केंद्र एवं राज्यों में सरकारी कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उस अवस्था में रेल थम जाएंगी, आयुद्ध कारखाने, जो अब निगमों में तब्दील हो चुके हैं, वहां पर काम बंद हो जाएगा।



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Umesh Solanki

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