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कोरोना संक्रमण और इसके कारण होने वाली मृत्युदर को कम करने में वैक्सीनेशन की बड़ी भूमिका रही है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जताई जाती रही है कि वैक्सीनेशन ने कई गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ा दिया है, इतना ही नहीं इसके कारण हार्ट अटैक और वयस्कों में मृत्यु के मामले भी बढ़ गए हैं। क्या वास्तव में कोविड वैक्सीन के कारण बीमारियों और असमय मृत्यु का खतरा हो सकता है?

इस बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर) ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसके कारण किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है। आईसीएमआर ने एक अध्ययन के आधार पर कहा, “कोविड-19 टीकाकरण पूरी तरह से सुरक्षित है, वयस्कों में बढ़ी हुई मृत्युदर के लिए वैक्सीनेशन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। 

कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मृत्यु के फैमिली हिस्ट्री और जीवनशैली की गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हुई स्वास्थ्य समस्याएं अस्पष्टीकृत और अचानक मृत्यु के जोखिमों को बढ़ाती हुई पाई गई हैं। वैक्सीनेशन, कोरोना संक्रमण के खतरे और इसके कारण होने वाली गंभीरता को कम करने में सहायक है और यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है। 

वयस्कों में बढ़ी मौत, वैक्सीनेशन के कारण नहीं

कोविड वैक्सीन कितनी सुरक्षित हैं, इसको समझने के लिए शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया। “भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अचानक होने वाली मौत से जुड़े कारक” शीर्षक वाले इस अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीनेशन किसी भी तरह से मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ा रही है।

 

आईसीएमआर के इसी अध्ययन का हवाला देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को गुजरात में कहा कि जिन लोगों में गंभीर रूप से कोविड की समस्या रही है, उन्हें दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याओं से बचाव के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। ऐसे लोगों को एक या दो साल तक बहुत अधिक मेहनत वाली गतिविधियों से बचाव करना जरूरी है। 

अध्ययन में क्या पता चला?

भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों के बीच अचानक बढ़ी मौत के कारणों को समझने के लिए किए गए इस अध्ययन में 18-45 वर्ष की आयु के उन स्वस्थ लोगों के डेटा का अध्ययन किया जिनको कोविड से पहले कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, हालांकि अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई।

शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर मृतकों में किसी प्रकार की मेडिकल हिस्ट्री, धूम्रपान-शराब का सेवन या हाई इंटेंसिटी वाली शारीरिक गतिविधियों की आदत रही थी। 

कोविड-19 टीके सुरक्षित

अध्ययन के विश्लेषण में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के कारण वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा है। वास्तव में, टीकाकरण ने वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों के जोखिम को कम कर दिया है। जिन कारकों ने अचानक मृत्यु की आशंका को बढ़ाया है, उनमें कोविड-19 के गंभीर मामलों के कारण अस्पताल में भर्ती रहना और मृत्यु से कुछ समय पहले तक अत्यधिक शराब पीना और तीव्र शारीरिक गतिविधि जैसे कुछ व्यवहार शामिल थे। 

क्या है अध्ययन का निष्कर्ष?

शोध के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि हाल के वर्षों में वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों ने इस अध्ययन की जरूरत के लिए प्रेरित किया। लोगों के मन में चिंता बढ़ गई थी कि क्या कोविड-19 वैक्सीन बढ़ी हुई मौतों का कारण है? हालांकि हमारे शोध ने इस तरह की सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज किया है। टीके न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि कोरोना के कारण होने वाली बीमारी से सुरक्षा देने में भी इससे लाभ पाया गया है। 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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Umesh Solanki

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